नई दिल्ली. भारत सरकार पशुओं से जुड़ी बीमारी की वजह से उपजी महामारी को रोकने के लिए जल्द ही पूरे देश में वन हेल्थ मिशन चलाने की तैयारी में है. आपको बता दें कि कुछ वक्त पहले शब्द हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने विश्व स्तर पर पब्लिक हेल्थ से जुड़ी 6 इमरजेंसी का अनाउंस किया था. जिसमें पांच इमरजेंसी तो सिर्फ पशुओं से जुड़े बीमारी की वजह से थी. इसके बाद जी-20 महामारी कोष से भारत को 25 मिलियन डॉलर करीब 220 करोड रुपए की सहायता दी गई. जिसे अब महामारी की तैयारी पर खर्च किया जाना है. इसके बाद पशु स्क्वाड और उनकी सुरक्षा को मजबूत करने की बात कही जा रही है. केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा देश में वन हेल मिशन चलाने की योजना है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत को यह बजट इंडोनेशिया की जी 20 प्रेसीडेंसी के तहत मिला था. देश में अप्रैल में ही नेशन हेल्थ मिशन की शुरुआत कर दी गई थी. जिसमें पता चला था कि 66 फ़ीसदी बीमारी जानवरों से ही इंसान को होती है. जबकि 75 फ़ीसदी बीमारी ऐसी है, जिसका कारण भी पशु ही हैं. वहीं एक चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई थी कि बायो टेररिज्म के खतरे के रूप में जिन महामारी को देखा जाता है, उसमें भी 80 परसेंट उसकी वजह पशु ही हैं.
जबकि कोविड, इबोला जैसे वायरस इंफुलेएंजा आदि जैसी बीमारियों पर काबू पाने के लिए नेशनल वन हेल्थ मिशन शुरू किया जा रहा है. ताकि तीन स्तर पर बीमारियों पर वार किया जा सके. एनिमल एक्सपर्ट की बात मानी जाए तो कोविड, स्वाइन फ्लू, एशियाई फ्लू, इबोला का वायरस एवं इन्फ्लूएंजा समेत न जाने कितनी महामारियां हैं जो पशु पक्षियों की वजह से ही इंसान में आ जाती हैं. एक रिपोर्ट की माने तो 1.7 मिलियन वायरस जंगल में ही फैले होते हैं.
इसमें से बहुत सारे जो जेनेटिक होते हैं जो पशु पक्षियों से इंसान में आ जाते हैं. जिससे एक मिलियन मौत हो जाती है. यही वजह है कि अब व विश्व स्तर पर इसकी रोकथाम की कवायद शुरू कर दी गई है. भारत में एनओएचएम नाम से अभियान की शुरुआत कर दी गई है. शुरुआती दौर में यह पांच राज्यों से शुरू किया गया है, लेकिन अब की-20 महामारी को से बजट मिलने के बाद इस देश भर में चलने की योजना है. जिसके तहत पशुओं की निगरानी की जाएगी. वहीं महामारी फैलने पर संयुक्तं टीम इस पर वर्क करेगी. नंदी ऑनलाइन पोर्टल और फील्ड परीक्षण दिशा-निर्देश दिया जाएगा. महामारी फैलने से पहले लोगों को उसके बारे में चेतावनी देने के लिए सिस्टम बनाने पर काम होगा.
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