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Bees Attacks: क्या चीजें मधुमक्खियों को बना रही हैं हमलावर, सामने आई बड़ी वजह

तापमान भी अधिक होने के कारण छत्ते गर्म होने से उनकी परेशानी बढ़ती जाती है.
मधुमक्खियों की प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. भीषण गर्मी और लखनऊ से ये बढ़ता तापमान बेहद दिक्कते पैदा कर रहा और पेट भी खाली है…! यही हालात मधुमक्खियों को हमलावर बना रहे हैं. कुछ दिनों पहले फिरोजाबाद, कानपुर सहित कई जिलों में मधुमक्खियों के अचानक हुए हमलों के पीछे यही संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं. भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई), इज्जतनगर के विज्ञानी ने डॉक्टर रंजीत सिंह सचेत का मानना है कि गर्मियों में जंगली मधुमक्खियों के छत्तों से दूर रहने में ही भलाई है. इनका स्वभाव पालतू की तुलना में ज्यादा उग्र होता है. आईवीआरआई के कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानी डॉक्टर रंजीत सिंह का कहना है कि गर्मियों में फूल कम होने से मधुमक्खियों को भोजन के लिए संघर्ष करना पड़ता है. वे परागण नहीं मिलने के कारण चिड़चिड़ी होने लगती हैं. इस बीच तापमान भी अधिक होने के कारण छत्ते गर्म होने से उनकी परेशानी बढ़ती जाती है. इन परिस्थितियों में यदि कोई उनके छत्तों के आसपास से गुजरे, शोर-शराबा करे तो हमला कर देती हैं.
वसंत ऋतु में परागण एकत्र करने के बहुत विकल्प होते हैं. इससे विपरीत गर्मी में सिर्फ जामुन, तिल, लौकी, तोरई, टिंडा, तरबूज-खरबूजा आदि से ही भोजन प्राप्त हो सकता है. जिन क्षेत्रों में पर्याप्त परागण एकत्र करने की व्यवस्था नहीं हो पाती, वहां की मधुमक्खियां भूख के कारण उग्र हो जाती हैं. एक्सपर्ट मानते हैं कि बाग, जंगल आदि में एपिस डोरसटा प्रजाति की जंगली मधुमक्खी हमले करती है. इसका स्वभाव उग्र होने के कारण पाला भी नहीं जाता है.

इन जिलों में गर्मी के कारण हमला माना जा रहा: कानपुर, ललितपुर और मिर्जापुर जैसे शहरों में में इसी मधुमक्खी के हमले की आशंका जताई जा रही है. आम तौर पर पालतू मधुमक्खियां हमले नहीं करतीं हैं, क्योंकि उनका स्वभाव उग्र नहीं होता और उन्हें भोजन आदि की व्यवस्था कर दी जाती है. मधुमक्खी पालक उनके छत्तों को गर्म होने से बचाने के लिए छाया में रखते हैं. समय-समय पर पानी का छिड़काव करते हैं.

जंगली मधुमक्खियां डंक मारने में छोड़ती हैं ज्यादा हार्माेन: मधुमक्खी पालक सचिन अग्रवाल बताते हैं कि अधिकांश लोग सेरेना इंडिका और एपिस मेलिफेरा मधुमक्खी का पालन करते हैं. इसमें सेरेना इंडिका मधुमक्खी का पालन पहाड़ी क्षेत्रों या ऊंचाई वाले क्षेत्रों में होता है, जबकि एपिस मेलिफेरा का पालन मैदानी क्षेत्रों में ज्यादा किया जाता है. जंगली मधुमक्खियों की तुलना में पालक मधुमक्खियां कम हमलावर होती हैं साथ ही जंगली मधुमक्खियां डंक मारने के दौरान तीव्र हार्माेन छोड़ती है. मधुमक्खी पालक मधुमक्खी कम हार्माेन छोड़ती हैं. मधुमक्खी पालन करने वाले पालक मधुमक्खियों के तापमान व खानपान का बहुत ध्यान रखते हैं, जिससे वे जल्द हमलावर नहीं होती हैं. अगर आपको कहीं पर छत्ता दिखे तो सावधान रहें.

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