नई दिल्ली. शुरुआती दौर में पशुपालक बछड़े का जितना ध्यान रखेंगे. वह उतना ही तंदुरुस्त बैल या फिर गाय बनेगी. पशुपालक अक्सर गाय के ब्यान के बाद बछड़े के ऊपर ध्यान नहीं देते. जिस वजह से न केवल बछड़ा कमजोर हो जाता है. बल्कि इस कई बार बछड़े की मौत भी हो जाती है. इसका असर गाय के ऊपर ही पड़ता है. कई बार तो गाय दूध देने तक बंद कर देती है.
इसलिए जरूरी है कि बछड़े के जन्म के साथ ही उसकी देखरेख अच्छी तरह से की जाए. अगर आप भी पशुपालक हैं और आपकी गाय ब्याने वाली है तो इसके लिए यह जानना जरूरी है कि बछड़े की देखभाल किस तरह की जाती है. आज आपको इस लेख में बछड़े की देखने से जुड़ी जानकारी देंगे कि शुरुआती दौर में बचने की देखभाल कैसे की जाए.
1-एक्सपोर्ट के मुताबिक बछड़े के पैदा होने के साथ ही उसके नाक और मुंह में शैलेशमा होता है. जिसे कुछ लोग कफ भी कहते हैं, इसे बछड़े के पैदा होने के तुरंत बाद ही साफ कर देना चाहिए. अगर ऐसा न किया जाए तो बछड़े को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है.
2-पशुपालकों ने अक्सर यह देखा होगा कि गाय ब्याने के बाद अपने बछड़े को चाटने लगती है. गाय ऐसी इसलिए करती ताकि बछड़े की त्वचा आसानी से सूख जाए लेकिन अगर गाय उसे नहीं चाटती तो आप बिना वक्त गवाए बछड़े के शरीर को ताट या सूखे कपड़े से साफ कर दें. इसके अलावा बछड़े की छाती दबाकर सांस दिलाने की कोशिश करें.
3-जिस स्थान पर बछड़े को रखे हैं. वह पूरी तरह से सूखी रहना चाहिए. गीले स्थान पर बछड़े को कई गंभीर रोग हो सकते हैं.
4-एक स्वस्थ शिशु की पहचान के लिए हम अक्सर उसके वजन का पर नजर रखते हैं. ठीक उसी तरह से बछड़े के वजन को भी देखना होता है. अगर बछड़े का वजन कम है तो उसके स्वास्थ्य को लेकर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
5-एक शिशु के लिए जिस तरह मां का दूध बेहद महत्वपूर्ण होता है. इस तरह से बछड़े के लिए गाय का दूध जिसे खींस भी कहते हैं. वह अहम है. इसे पहले आहार के तौर पर देना चाहिए और ये कई तरह के रोग से बचा सकता है.
6-गाय के ब्याने के बाद उसके थानों को क्लोरीन के घोल से धो लेना चाहिए.
7-अमूमन गाय के ब्यान के 1 घंटे बाद ही बछड़ा दूध पीने का प्रयास करने लगता है, लेकिन अगर ऐसा नहीं हो तो आप इसमें आप बछड़े की सहायता कर सकते हैं.
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