नई दिल्ली. भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने साल 2014-15 से राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना को चला रहा है. इस योजना के तहत क्षेत्र की मौजूदा आवश्यकताओं को देखते हुए एनएलएम योजना के तहत 2021-22 में संशोधित करके और ज्यादा व्यवस्थित ढंग से किया जा रहा है. राष्ट्रीय पशुधन मिशन का उद्देश्य रोजगार सृजन, व्यापार विकास, प्रति पशु उत्पादकता में इजाफा और इन सबके विकास कार्यक्रम की एक योजना बनाना है. ताकि इसका फायदा किसानों को मिल सके.
योजना के तहत मांस, बकरी के दूध, अंडे और उनके उत्पादन में इजाफा करना लक्ष्य रखा जाता है. ज्यादा उत्पादन से घरेलू मांगों को पूरा करने के बाद निर्यात में मदद मिलती है. एनएलएम योजना के तहत असंगठित क्षेत्र में उपलब्ध उपज के लिए आगे और पीछे की कड़ी बनाने और संगठित क्षेत्र से जोड़ने के लिए किसानों को विकसित करना है.
- छोटे जुगाली करने वाले, कुक्कुट पालन और सुअर पालन क्षेत्र और चारा क्षेत्र में बिजनेस विकास के माध्यम से रोजगार के अवसर बनाना.
- नस्ल सुधार के जरिए प्रति पशु उत्पादकता में इजाफा करना मकसद है.
- मांस, अंडा, बकरी का दूध ऊन के उत्पादन में इजाफा करना है.
- चारा आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने और प्रमाणित चारा बीज की उपलब्धता के माध्यम से मांग को काफी हद तक कम करने के लिए चारा की उपलब्धता को बढ़ाना.
- मांग आपूर्ति के अंतर को कम करने के लिए चारा प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना करना और उन्हें प्रोत्साहित करना.
- किसानों के लिए पशुधन बीमा सहित जोखिम प्रबंधन का उपाय को बढ़ावा देना.
- मुर्गी पालन, भेड़, बकरी आहार एवं चारे के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में अनुप्रयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा देना.
- किसानों को क्वालिटी विस्तार सेवा प्रदान करने के लिए बेहतर विस्तार मशीनरी के जरिए राज्य के अधिकारियों और पशु चालकों की क्षमता का निर्माण करना.
- उत्पादन लागत को कम करने और पशुधन क्षेत्र के उत्पादन में सुधार के लिए कौशल आधारित प्रशिक्षण और प्राधिकरण के प्रसार को बढ़ावा देना.
Leave a comment