नई दिल्ली. मछली पालन में आहार का अहम स्थान है. मछली पालन में मछलियों को जो आहार दिया जाता है वो उसे खाकर तेजी से ग्रोथ हासिल करती हैं. एक्सपर्ट का कहना है मिक्सचर डाइट को देने का समय होता है. इसके अलावा इसको देने का तरीका भी है. अगर एक्सपर्ट के बताए गए तरीकों को अपनाया जाए तो फिर अच्छी ग्रोथ हासिल की जा सकती है. बताते चलें कि फिश मील तथा उसके बाद के दो तत्व उपलब्ध न हों तो भी बाकी के तत्वों को मिला कर मिश्रित आहार तैयार कर लिया जाता है.
इस मिश्रण में से निश्चित मात्रा में आहार शाम को भिगोकर सुबह-दोपहर तथा और शाम को निश्चित स्थान व निश्चित समय पर तालाब में डाल देना चाहिए. भीगे व गीले मिश्रण में से गोले बटोर कर तालाब में डाले जाते हैं. इसके अतिरिक्त सीमेंट के खाली बैग में मिश्रित भीगा आहार डाल कर उसका मुंह रस्सी से बांध दिया जाता है. थैले में कई स्थानों पर सुराख कर दिए जाते हैं. इस थैले को तालाब के किनारे किसी खूंटे से बांध कर तालाब के पानी में डूबो दिया जाता है. मछली इन सुराखों से अपना आहार ग्रहण करती रहती हैं.
आधा डुबोया जाता है
बाद में थैला पानी से बाहर निकाल कर यह जांच कर ली जाती है कि आहार शेष तो नहीं है. इस प्रकार कृत्रिम आहार व्यर्थ नहीं जाता है. इसके अलावा कृत्रिम आहार देने के लिए एक अन्य तरीका भी अपनाया जाता है. जिसमें धातु का बर्तन चिलमची (तसला / बट्ठल) प्रयोग किया जाता है. बर्तन में आहार डाल कर उसको तराजू के छाबे की तरह बांध कर लम्बी रस्सी द्वारा किनारे से बांध कर तालाब के पानी में आधी डूबी अवस्था में तैराया जाता है. आधी डूबी अवस्था में रखने हेतू इस बर्तन को 30 से 40 सेंमी लम्बी रस्सी द्वारा लकड़ी के तख्ते से बांध दिया जाता है.
लड़की के तख्ते से दे सकते हैं खुराक
लकड़ी का तख्ता पानी की सतह के ऊपर तैरता रहता है. तथा बर्तन पानी में डूबा रहता है. इस प्रकार तालाब की मछलियां अपना आहार ग्रहण करती रहती है. वहीं हवा की तेजी से बर्तन की गति के साथ-साथ तालाब में भ्रमण करती रहती है. जिससे उनका शारीरिक व्यायाम भी होता रहता है। बर्तन में बचे आहार का पुनः उपयोग हो जाता है. संग्रहित मछली बीज को कृत्रिम आहार देने की आवश्यकता होती है. कृत्रिम आहार तैयार करने हेतु निम्न पदार्थों का दर्शाई गई मात्रा में प्रयोग किया जाता है.
क्या-क्या दिया जा सकता है
- मूंगफली की खली अथवा सरसों की खली 35%
- राइस ब्रान-धान की फक या चावल की भूसी -38%
- सोयाबीन की खली 20% –
- फिश मील-मछली का चूरा – 5%
- मिनरल मिक्सचर – 1.5%
- एसकोरबिक एसिड 0.5%
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