Home पशुपालन Animal Disease: पशु के ​थनों में सूजन का क्या है इलाज, यहां पढ़ें दवा और उपचार का तरीका
पशुपालन

Animal Disease: पशु के ​थनों में सूजन का क्या है इलाज, यहां पढ़ें दवा और उपचार का तरीका

cow and buffalo cross breed
गाय और भैंस की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. देश में पशुपालन करना कोई आसान काम नहीं है. पशुपालकों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसमें चाहे पशु का दूध कम देना हो, या पशु को किसी तरह की बीमारी होना हो. इन सब चीजों से जूझते हुए पशुपालक लोगों तक फ्रेश दूध पहुंचाते हैं. इस आर्टिकल में हम एक ऐसी समस्या के बारे में जिक्र करने जा रहे हैं जो हर पशुपालक को कभी न कभी झेलनी ही पड़ती है. सूजन के बारे में इस आर्टिकल में बात की जा रही है. आइए जानते हैं कि कैसे पशु के थन में अगर सूजन आ जाए तो उसे ठीक किया जा सकता है.

गाय हो या फिर भैंस उसके थनों में सूजन आने की समस्या बेहद आम है और अक्सर यह सूजन पशु के थनों में किसी चोट लगने की वजह से हो जाती है. या फिर पशु के सही तरह से दूध न निकलने की वजह से भी यह तरह की समस्या होती है. दूसरे के कारण के चलते भी समस्या होती है. समस्या जैसे भी हो जरूरी है कि इस समस्या का निस्तावरण कैसे किया जाए.

कैसे करें पशु के थनों का उपचार
एक्सपर्ट कहते हैं कि पशुपालक थनों की सूजन दूर करने के लिए कई तरह के उपाय कर सकते हैं. फिर भी सूजन की स्थिति ठीक नहीं हो पाती इसका इसकी मुख्य वजह यह है कि उपचार यह उपाय उतने कारगर साबित नहीं हुए. ऐसे में पशुपालक भाइयों को सही जानकारी और उपचार की आवश्यकता होती है. इस बीमारी में इनफ्लेमिन लगा सकते हैं. इनफ्लेमिन को अच्छी तरह से लगा देना चाहिए. इसमें ध्यान दें कि एक परत पशु के थन पर बन जाए. जब ऐसा हो जाएगा तो पशु को थानों पर सूजन से राहत मिल जाएगी.

दवा लगाने का क्या समय है
अगर पशु के थन में सूजन ज्यादा हो तो आप पशुओं के थन में दो से तीन बार दवा लगा सकते हैं लेकिन अगर सूजन कम है तो एक बार सुबह और एक बार शाम को लगाना चाहिए. अगर पशु पालक भाइयों को इनफ्लेमिन न मिले तो थ्रोम्बोफोब भी इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि यह क्रीम इंसानों के लिए नहीं है लेकिन अगर न मिले तो इसका इस्तेमाल किया जाता है. इसके के अलावा पशुपालक भाई देसी उपचार की भी कर सकते हैं. ध्यान रहे कि नियमित उपचार प्रक्रिया पशु ठीक हो जाएंगे.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

livestock animal news, Animals in rain, Disease in animals, Animal husbandry, Animal enclosure, Animal news, CRRG, Flood, Flood news, Green fodder, Taj Trapezium Zone, TTZ, National Green Tribunal, NGT, Taj Mahal, Supreme Court
पशुपालन

Animal Husbandry: 45 करोड़ रुपये से होगी पशुओं की गिनती, जानें क्यों होती है

दूध उत्पादन में हम पहले स्थान पर हैं लेकिन प्रति पशु दूध...

live stock animal news, Survey on farmers, farmers' income, farmers' movement, MSP on crops, Chaudhary Charan Singh Agricultural University, HAU, agricultural economist Vinay Mahala, expenditure on farming.
पशुपालन

Animal Husbandry: डेयरी पशुओं की इन चार परेशानियों का घर पर ही करें इलाज, यहां पढ़ें डिटेल

वैकल्पिक दवाओं की जानकारी पशुपालकों के लिए जानना बेहद ही अहम है....