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ICAR: पशु के मांस को लेकर कई काम करता है मीट रिसर्च सेंटर, यहां पढ़ें डिटेल

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प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. राष्ट्रीय मांस अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद में स्थापित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की घटक इकाई हैं और देश में मांस पशु उत्पादकों, मांस प्रोसेसर्स, निर्यातकों, मांस मजदूरों उद्यमियों और उपभोक्ताओं के बड़े समूह की जरूरतों को पूरा कर रहा है. मांस उत्पादन, प्रोसेसिंग, क्लवालिटी नियंत्रण और सेलिंग के विभिन्न पहलुओं में बुनियादी और अप्लाइड रिसर्च करने के लिए संस्थान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. वहीं संस्थान का कार्य बेहतर स्वाद और उत्पादों उम्र को बढ़ाने के लिए विभिन्न वैल्यू एडेड मांस उत्पादों के लिए उपयुक्त और प्रासंगिक प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों का विकास करना भी है.

इसके अलावा मांस और सम्बंधित क्षेत्रों में वैज्ञानिक, प्रबंधकीय और तकनीकी कर्मियों के लिए आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण प्रदान करना, मांस क्षेत्र में कार्यरत उद्योग, व्यापार, नियामक और विकासात्मक संगठनों के साथ संपर्क स्थापित करना, उद्यमियों को परामर्श सेवाएं प्रदान करना और मांस और सम्बंधित क्षेत्रों में सूचना के राष्ट्रीय भंडार के रूप में कार्य करना भी है.

मांस क्षेत्र का करता है विकास
संस्थान मांस और सम्बंधित क्षेत्रों के विकास की समस्याओं को हल करने और चुनौतियों का सामना करने के लिए मांस अनुसंधान के लिए प्रयासरत रहता है. संस्थान का मिशन मांस उत्पादन, प्रोसेसिंग और उपयोग प्रौद्योगिकियों के माध्यम से मांस पशु उत्पादकों, प्रोसेसर्स और उपभोक्ताओं के हितों की सेवा के लिए आधुनिक संगठित मांस क्षेत्र का विकास करता है. मांस उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन और उपयोग के लिए मांस विज्ञान और प्रौद्योगिकी में बुनियादी और अप्लाइड रिसर्च, मांस क्षेत्र में विभिन्न स्तरों के कर्मियों के लिए क्षमता विकास, मांस और सम्बंधित क्षेत्रों में सूचना का राष्ट्रीय भंडार करने का काम भी संस्थान का है.

मील के पत्थर किया तय
वर्ष 2027 में प्रमुख तकनीकी विकास या पथ-प्रदर्शक अनुसंधान उत्पादन की घटना, 2009 में चेंगिचेर्ला कैंपस, हैदराबाद में काम करना शुरू किया. 20210 में मांस प्रजाति पहचान प्रयोगशाला स्थापित की. 2011 में मांस प्रोटिओमिक्स प्रयोगशाला की शुरुआत. 2023 में रासायनिक अवशेष विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला, एन.ए.आई.पी. परियोजना के तहत नेल्लोर में ग्रामीण फ़ीड प्रसंस्करण इकाई की स्थापना. साल 2014 में भैंस के मांस के निर्यात के लिए ट्रैसेबिलिटी मॉडल. “मीट ऑन व्हील्स” स्वच्छ मांस उत्पादन, मूल्य संवर्धन और मांस प्रोसेसिंग के प्रचार और लोकप्रियकरण के लिए वाहन. उद्यमिता विकास के लिए मांस प्रसंस्करण इकाई की स्थापना.

मांस प्रजाति की पहचान के लिए लेबोरेटरी स्थापित हुई
साल 2016 में मांस और मांस प्रोडक्ट के क्लवालिटी एनालिसिस के लिए राष्ट्रीय रेफरल प्रयोगशाला के रूप में भारतीय अन्न सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफ.एस.एस.ए.आई.) सर्टिफिकेशन. कृषि-व्यवसाय इन्क्यूबेशन केंद्र. जैविक मटन उत्पादन के लिए 2017 प्रमाणन. आईएसओ 9001:2015 के अनुसार गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली सर्टिफिकेशन, साल 2018 मांस प्रजाति पहचान प्रयोगशाला के लिए आई.एस.ओ./आई.ई.सी. 17025:2005 एन.ए.बी.एल. प्रत्यायन प्राप्त किया. वहीं InfoLnet (एफ.एस.एस.ए.आई.) में पंजीकरण पूरा किया.

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Livestock Animal News

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