नई दिल्ली. मछली पालन करके अच्छी कमाई की जा सकती है. यही वजह है कि मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी कोशिश करती रहती है. वहीं मछली पालन का क्रेज भी तेजी से बढ़ता जा रहा है. मछली पालन करके ग्रामीण इलाकों में किसान अपनी आय को बढ़ा रहे हैं. अगर आप किसान हैं और अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं तो मछली पालन एक बेहतर कारोबार साबित हो सकता है. हालांकि इसके लिए मछली पालन की ट्रेनिंग ले सकते हैं, ताकि नुकसान की कोई गुंजाइशन न रहे.
बताते चलें कि एक्सपर्ट कहते हैं कि मछली पालन में आहार सबसे अहम है. अगर अच्छा और जरूर आहार दिया जाए तो उसकी ग्रोथ अच्छी होगी और इसका फायदा भी मछली पालकों को मिलेगा. कई बार मछली की ग्रोथ बढ़ाने के लिए कृत्रिम आहार भी दिया जाता है. हालांकि कृत्रिम आहार दिए जाने का भी एक तरीका होता है. जिसके बारे में ट्रेनिंग के दौरान एक्सपर्ट बताते रहते हैं. इस खबर में आपको कृत्रिम आहार के बारे में बताने जा रहें जिससे आप अपनी मछली की ग्रोथ को बढ़ा सकते हैं.
कृत्रिम आहार देने की दर
प्रत्येक माह तालाब में से कुछ मछली पकड़ कर उसका भार पता कर लेना चाहिए. इसके लिए दो व्यक्ति कपड़े की लंबी चादर तान कर तालाब में खींचे. कुछ मछली उसमें आ जाएंगी. किसी पतीले में पानी डाल कर उसे तराजू से तोल लें. बाद में इस पानी वाले बर्तन में जीवित मछली डाल कर तराजू से तोल लें. भार में जो अंतर है वह पकड़ी गई मछली की संख्या का भार है. इसके आधार पर आप तालाब में विद्यामान सम्पूर्ण मछली का अनुमानित भार जान सकते हैं.
कितना फीसदी आहार दिया जाए
मछलियों को पहले महीने में 7 से 10 फीसदी सम्पूर्ण मछली के शारीरिक भार, दूसरे माह में सम्पूर्ण मछली के शारीरिक भार का 5 से 7 फीसदी, तीसरे माह सम्पूर्ण मछली के शारीरिक भार का 2 से 3 फीसदी और चौथे माह व आगे सम्पूर्ण मछली के शारीरिक भार का 2 फीसदी आहार दिया जाना चाहिए. अगर इसे साधारण शब्दों में समझें तो तालाब में विद्यामान सम्पूर्ण मछली का भार 50 किलो ग्राम बनता है तो उसे प्रथम माह में 3.5 से 5.0 किलोग्राम हर दिन आहार देने की आवश्यकता है.
सुबह सबसे ज्यादा देना चाहिए
इसी प्रकार 50 किलोग्राम सम्पूर्ण शारीरिक भार के लिए दूसरे महीने में 2.5 से 3.5 किलोग्राम तथा तीसरे महीने में 1 से 1.5 किलोग्राम तथा चौथे महीने में 1 किलोग्राम दैनिक आहार की आवश्यकता होगी. कृत्रिम आहार ग्रहण करने बारे मछली का रूझान अगर समझना चाहते हैं तो इस नियम के साथ दिया जा सकता है. हर दिन सुबह 5 से 8 बजे तक हाई दोपहर 12 बजे मीडियम और शाम सांय 4 बजे नॉरमल दिया जा सकता है.
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