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Dairy Farming : देशी या संकर नस्ल की गाय-भैंस… डेयरी के लिए सबसे अच्छा पशु कौन सा है, जानिए यहां

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. डेयरी व्यवसाय करने वाले किसानों के लिए ये जानना बेहद अहम होता है कि उनके लिए सबसे उपयुक्त पशु कौन सा है. यहां कहने का मतलब है कि देशी गाय, संकर नस्ल की गाय या फिर भैंस. क्योंकि डेयरी कारोबारियों का मुनाफा पशुओं से उत्पादित दूध पर निर्भर करता है. डेयरी एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर पशुपालकों को ये पता होगा कि उनके लिए कौन सी नस्ल बेहतर है तो वो उसी नस्ल का पालन करके अच्छी कमाई कर सकते हैं. गायों में कई संकर नस्ल, विदेशी नस्ल की गाय का पालन किया जाता है. जबकि भैंस का पालन भी दूध के लिए होता है.

एनीमल एक्सपर्ट के मुताबिक पशु नस्ल या नस्ल संयोजन का विकल्प मुख्य रूप से संसाधन की उपलब्धता, जलवायु परिस्थितियों, आवश्यक इनपुट (आहार और स्वास्थ्य के देखभाल की सुविधाओं) की उपलब्धता, दूध के लिए बाजार की उपलब्धता, दूध के मूल्य का निर्धारक मापदंड इत्यादि पर निर्भर करता है. संसाधन की कम उपलब्धता की स्थितियों में देशी गायों या भैंसों को पसंद किया जा सकता है.

तो जर्सी संकर नस्ल उपयुक्त हैः वहीं जबकि मध्यम से उत्तम संसाधनों की उपलब्धता होने पर संकर नस्ल के गायों को प्राथमिकता दी जा सकती है. ऐसे स्थानों पर जहां फैट प्रतिशत ही मूल्य का मापदंड है, वहां भैंसों को प्राथमिकता दी जा सकती है. वहीं किसी व्यक्ति को किसी नस्ल पर निर्णय लेने से पहले संसाधन की उपलब्धता पर विचार करना चाहिए. यदि कम से मध्यम संसाधन उपलब्ध हो और जलवायु अधिक नमी वाली हो तो जर्सी संकर नस्ल उपयुक्त हैं.

तब संकर नस्ल की गायों को दें प्रा​थमिकताः यदि आहार और प्रबंधन में कोई समस्या नहीं है, तो एचएफ संकर नस्ल की गायों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. फिर यदि, श्रेष्ठ फैट सामग्री वाले दूध की मांग है, तो संकर नस्ल अनुपयोगी होगी. अपनी जलवायु परिस्थितियों के अनुसार हमें 50 प्रतिशत विदेशी नस्ल वाले संकर पशुओं का पालना चाहिए. क्योंकि विदेशी रक्त के स्तर में वृद्धि होने के साथ पशुओं में बीमारियों और हीट स्ट्रेस का खतरा अधिक होगा. ऐसे पशुओं का प्रबंधन करना कठिन हो जाएगा.

एआई को लेकर ये मिथक सही है या गलतः एआई से जुड़े कुछ अंधविश्वास/मिथक हैं कि इससे केवल नर बछड़ों, कमजोर बछड़ों का का उत्पादन होता है और दूध उत्पादन इत्यादि में कमी आती है. हालांकि इन मिथकों पर विश्वास करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं. अधिक संख्या में जांच किया जाए तो विश्लेषण करने पर यह पाया गया है कि एआई का नर पशु मादा पशु अनुपात, बछड़े का जन्म के समय वजन या वर्तमान मादा पशु के दूध उत्पादन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है.

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