नई दिल्ली. अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासु) की ओर से लुधियाना में आयोजित किए गए मेले में पंजाब नस्ल की एक बरकी ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है. बता दें कि कि ये बीटल नस्ल की बकरी है. वहीं इसके संबंध में गडवासु की ओर से दावा किया गया है कि यह देश की सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी है. वहीं कई एक्सपर्ट का मानना है कि इतना दूध तो एक देसी गाय भी नहीं दे पाती है, जितना इस नस्ल की बकरी ने दिया है. जानकारी के लिए बता दें कि बीटल नस्ल की बकरी रोजाना औसत दो से तीन लीटर तक दूध देती है, जिसकी वजह से किसानों की पहली पसंद ये बकरी होती है.
वहीं पंजाब में नीदरलैंड से आए बकरी एक्सपर्ट एड मार्क्स ने बीटल और बरबरी बकरी को देखा तो वो कहने को मजबूर हो गए कि इन दोनों नस्ल की बकरी में दूध देने की और ज्यादा गुंजाइश है. उन्होंने कहा कि बीटल और बकरी को सिर्फ सिर्फ मैदान में चराने पर ही नहीं रखा जाए, उनके खानपान पर अच्छे से ध्यान दिया जाए, जबकि दाना और पत्तेदार खाने को दिया जाए, इसके साथ ही रहन-सहन पूरी तरह साइंटीफिक हो और बीमार बकरियों को अलग और हैल्दी अलग से पाला जाए तो ये कई लीटर ज्यादा दूध दे देंगी.
देश में मौजूदा वक्त में 37 बकरियों की रजिस्टर्ड नस्ल पाई हैं. इसमें हर एक नस्ल की अलग—अलग खासियत है. कोई दूध के लिए पाली जाती है तो किसी नस्ल को मीट के लिए पसंद किया जाता है. जबकि कुछ दूध और मीट दोनों के लिए पाली जाती हैं. वहीं देश में बीटल नस्ल के बकरे और बकरियों की संख्या 12 लाख के आसपास बताई जाती है. बताते चलें कि यह नस्ल खासतौर पर पंजाब में मिलती है. जबकि अपने दूध के चलते हर राज्य में पाली जाती हैं. किसानों की ये पहली पसंद है.
सबसे ज्यादा दूध देती है
गडवासु के साइंटिस्ट डॉ. मनदीप का कहना है कि बकरियों की बीटल नस्ल खासतौर पर पंजाब में मिलती है लेकिन हरियाणा में भी पाली जाती है. इस बकरी की अच्छे से खिलाई—पिलाई कराई जाए तो यह चार से पांच लीटर तक भी दूध दे सकती हैं. वहीं ये बकरी जैसे-जैसे यह बच्चे देना शुरू करती है तो इसके दूध की मात्रा और ज्यादा बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि उनके बकरी फार्म पर एक बकरी ने एक दिन में पांच लीटर 150 ग्राम दूध दिया है.
कैसे देगी बीटल बकरी ज्यादा दूध
डॉ. मनदीप का कहना है कि किसी भी पशु का ज्यादा या कम दूध देना उसके खाने पर निर्भर होता है. उसका चारा अच्छा हो बकरी को उसकी खुराक के मुताबिक चारा खाने को नहीं मिले तो बीटल नस्ल की बकरी का दूध बढ़ जाएगा. इस बकरी को रोजाना 2.5 किलो साइलेज या दो किलो हरा और आधा किलो सूखे चारे के साथ आधा किलो दाना दिया जाए तो वो अच्छी मात्रा में दूध देती है. इसके साथ जरूरी ये भी है कि जो चारा या दाना बकरी को दिया जाए गुणवत्ता पूर्ण होना चहिए. यदि चारा सही मात्रा में भी दिया जाए लेकिन क्वालिटी खराब है तो फिर दूध की भी क्वालिटी पर असर पड़ेगा.
क्यों फायदेमंद है बीटल बकरी
वहीं डॉ. इन्द्रजीत सिंह, वाइस चांसलर, गडवासु का कहना है कि अगर कोई परिवार घर में दूध की डिमांड पूरी करने के लिए बीटल बकरी को पाल लेता है तो उसका दूध पर होने वाला खर्च बहुत ही कम हो जाएगा. उन्होंने कहा कि बीटल नस्ल की बकरी रोजाना पांच लीटर तक दूध दे सकती है यह साबित हो चुका है. साथ ही बीटल बकरी साल में दो बार बच्चे देती है. एक बार में बकरी दो से तीन बच्चे तक देती है. जबकि दूसरी ओर अगर कोई बीटल बकरी को दूध का कारोबार करने के लिहाज से पालता है तो वो बेहतरीन कमाई कर सकता है.
वैसे भी बकरी के दूध की डिमांड दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. उसकी कोई तय कीमत भी नहीं है. उन्होंने कहा कि एम्स अस्पताल में डेंगू मरीजों ने एक मोटी रकम खर्च कर बकरी का दूध पिया. पंजाब में बकरी पालने में शर्म महसूस की जाती थी, उसी पंजाब में बकरियों के 100 से ज्यादा बड़े फार्म हैं. ज्यादातर लोग बकरी के दूध का कारोबार कर रहे हैं.
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