नई दिल्ली. इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है और ये पोल्ट्री फार्मर्स के लिए चिंता का विषय है. क्योंकि ज्यादा ठंड की वजह से पोल्ट्री फार्म में लाए गए चूजों की तेजी के साथ मौत हो जाती है. पोल्ट्री फॉर्मर्स के लिये उन्हें ठंड से बचाना एक मुश्किल काम होता है. अगर चूजों को बचाया न जा सके तो इससे पोल्ट्री फार्मर्स को बड़ा नुकसान होता है. जबकि पोल्ट्री फार्म से कमाई करने का ख्वाब भी टूट जाता है. इसलिए जरूरी है कि चूजों ठंड से बचाव करने की तमाम एहतियात बरती जाए ताकि उनमें मृत्युदर को रोका जा सके.
अगर आप भी पोल्ट्री फार्मर हैं और यह जानना चाहते हैं कि ठंड में चूजों को कैसे बचाया जाए तो यह खबर आपके काम की हो सकती है. क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि फार्म में लाए गए चूजों की शुरुआती दिनों में कैसे देखभाल की जाए. उन्हें ठंड से कैसे बचाया जा सकता है और उन्हें कैसे खिलाएं-पिलाएं, जिससे उनकी ग्रोथ तेजी से हो.
चूजों में मृत्युदर ऐसे रोकें
पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि इस कड़ाके की ठंड में फार्म में चूजे लाने के बाद पहले, दूसरे और तीसरे दिन चिक्स यानि चूजों का फार्म में दाना पानी देने के बाद दोबारा से डिब्बे में पैक कर दिया जाता है. खासतौर पर रात के समय ऐसा करना बेहद ही जरूरी काम होता है. सुबह के समय फिर से डिब्बे को ओपन कर दिया जाता है और चूजों को बाहर निकाल दिया जाता है. जब बाहर का टेंपरेचर ज्यादा डाउन हो जाता है और ब्रूडिंग से भी टेंपरेचर मेंटेन नहीं हो पता है तो ऐसा करने से चीजों को गर्मी मिलती है. इससे उन्हें मरने से बचाया जा सकता है. अगर आप इसे 3 दिन तक कर लेंगे तो काफी हद तक चूजों की मृत्युदर को रोक सकते हैं. क्योंकि तब तक चिक्स की ग्रोथ काफी ज्यादा हो चुकी होती है.
इस तरह खिलाएं चूजों को फीड
इस दौरान उनके खिलाने-पिलाने की बात की जाए तो शुरू में इन्हें फीड भी नीचे दिया जाता है. ताकि इनको प्रॉपर फीड मिल सके. क्योंकि जब सुबह में चूजों को बॉक्स से ओपन किया जाता है, ये फीड खाने के लिए और पानी पीने के लिए इधर-उधर दौड़ने लगते हैं. ठंड के मौसम में फीड को नीचे देना ज्यादा अच्छा भी रहता है. फीड देने के लिए पुराना अखबार बिछा सकते हैं. वही पानी पीने के लिए ड्रिंकर में गुड़ का पानी सुबह के वक्त चूजों को दिया जाता है. दोपहर के बाद एक बार फ्रेश वाटर भी दिया जाना बेहतर होता है. शुरुआत में ब्रूडिंग करते वक्त टेंपरेचर नहीं बन पा रहा है तो ऐसा करने से चिक्स की मृत्युदर में काफी कमी की जा सकती है.
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