नई दिल्ली. किसानों के बीच मधुमक्खी पालन का भी क्रेज बढ़ रहा है और आज के दौर में बहुत से किसान मधुमक्खी पालन कर रहे हैं. इससे उनकी आमदनी भी बढ़ रही है और यह अच्छा व्यवसाय भी माना जा रहा है. इस व्यवसाय को आगे बढ़ाने के मकसद से सरकार भी किसानों की आर्थिक तौर पर मदद करती है. इसी क्रम में बिहार सरकार ने राज्य में मधुमक्खी पालन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के मकसद से मधुमक्खी बॉक्स का वितरण करने की बात कही है. बिहार सरकार के द्वारा मधुमक्खी पालन व्यवसाय सही से शुरू करने के लिए जीविका दीदियों को मधुमक्खी बॉक्स भी उपलब्ध करवाए हैं.
दिए जानें 3000 बॉक्स
बिहार सरकार राज्य के किसानों का राष्ट्रीय बागवानी मिशन और राज्य योजना के तहत मधुमक्खी पालन के लिए सामान्य वर्ग के किसानों को 75 प्रतिशत और अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग किसानों को लगभग 70% तक सब्सिडी दे रही है. ऐसे में सरकार की इस योजना के लाभ उठाने वाले किसानों को मधुमक्खियां पालन करने के लिए सामान्य वर्ग किसान को 25%, अनुसूचित जनजाति जनजाति के 10% तक भुगतान करना होगा. इसके अलावा राज्य सरकार चालू वित्तीय वर्ष में 3000 मधुमक्खी बॉक्स देने का लक्ष्य रखा गया, जिसमें जीविका दीदियों को 1500 और किसानों को 1500 में क्या पास दिया जाएंगे.
700 रुपये किलो बिकती है शहद
किसान एक मधुमक्खी बॉक्स से सालाना करीब 40 किलो शहद तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. वहीं भारतीय बाजार में शहद 400 से 500 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकता है. वहीं शुद्ध शहद करीब 700 किलो तक बिकता है. ऐसे में अगर हिसाब लगाया तो किसान मधुमक्खी बॉक्स से 1 साल में 20 हजार रुपये की कमाई कर सकते हैं. मधुमक्खी पालन की शुरुआत करने के लिए 10 से 20 मधुमक्खी बॉक्स से की जरूरत होती है. अगर 100 बॉक्स की इकाई से मधुमक्खियां पालन का कार्य शुरू करें तो इसके लिए 5 लाख रुपये का खर्च आएगा. वहीं किसान 100 मधुमक्खी बॉक्स से 4000 किलो शहद निकाल सकते हैं. अगर 1 किलो शहद कीमत 700 के करीब है तो आप इसे ढाई लाख रुपए तक कमा सकते हैं.
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