नई दिल्ली. सरकार ने किसानों के लिए पीएम किसान मानधन योजना की शुरुआत की है. बुढ़ापे में जीवन यापन करने के लिए किसानों को अब सालाना 36 हजार रुपये सरकार देगी. केंद्र सरकार पीएम किसान मानधन योजना के तहत योजना से जुड़ने वाले किसानों को संख्या भी 3.38 लाख के पार हो गई है. इस बात की जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री ने संसद में दी है. किसानों को 60 साल की उम्र पार होने पर प्रतिमाह 3000 रुपये की राशि सरकार पेंशन के लिए सीधे उनके बैंक खाते में डालेगी.
इस तरह योजना का मिलेगा फायदा
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना सबसे कमजोर किसान परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 19 सितंबर साल 2019 में शुरू की गई थी. ये केंद्र सरकार की जनकल्याण योजना है. यह पीएम किसान मानधन एक अंशदायी योजना है. छोटे-सीमांत किसान पेंशन फंड में मासिक भुगतान करके योजना का सदस्य बन सकते हैं. मतलब यह कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किस को मासिक किस्त जमा करनी होगी. उतनी रकम सरकार भी पेंशन खाते में जमा करेगी. जो साल किसान की उम्र 60 साल पूरी होने पर प्रतिमाह 3000 रुपये के रूप में मिलेगी.
कितना जमा करना होगा किसानों को
मानधन योजना का लाभ लेने के लिए 18 से 40 वर्ष की आयु के बीच के किसान जुड़ सकते हैं. आवेदक को 55 रुपए से 200 रुपये तक प्रतिमा पेंशन खाते में जमा करना होगा. किस्त की रकम 60 वर्ष की आयु तक पहुंचने तक जमा करनी होगी. इसके बाद बुढ़ापे के दौरान किसानों की देखभाल के लिए प्रतिमाह 3000 रुपये मिलेंगे. हालांकि किसान किस्त जमा करने का विकल्प बीच में छोड़ भी सकते हैं. एलआईसी किसानों की मासिक किस्तों को प्रतिबंधित करता है. योजना के लिए लाभार्थियों को रजिस्ट्रेशन सीएससी केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से किया जाता है.
सबसे ज्यादा कर्नाटक में हुए आवेदन
कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में बताया था कि अब तक इस योजना से 2338720 किसान जुड़ चुके हैं. कृषि मंत्री ने संसद में एक सवाल के जवाब में बताया था कि सर्वाधिक 41683 किसानों को कर्नाटक में नामांकित किया गया है. 31 जनवरी 2024 तक योजना के तहत कर्नाटक के किसानों ने से 107651700 रुपये की राशि जमा की है. केंद्र सरकार ने भी इतना ही योगदान दिया है. जो किसानों को बाद में पेंशन के रूप में मिलेगा.
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