नई दिल्ली. नन्द बाबा दुग्ध मिशन योजना के तहत फायदा वाले वालों का चयन उनकी पात्रता के मुताबिक होगा. लाभार्थी को स्थानीय निवासी होना जरूरी है. लाभार्थी का आधार कार्ड पहचान पत्र होना चाहिए. वहीं पशुपालक के पास गोपालन अथवा मर्हिष पालन का कम से कम तीन वर्षों का अनुभव होना चाहिए तथा इसका प्रमाण मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा दिया गया हो. तभी योजना का फायदा मिलेगा. वहीं इकाई स्थापना के लिए लगभग 0.5 एकड़ जमीन की जरूरत होगी. इसके अलावा लगभग 1.5 एकड़ की भूमि चारा उत्पादन के लिए स्वयं की या पैतृक साझेदारी या न्यूनतम 07 वर्षों के लिए पंजीकृत अनुबंध पर ली गयी हो. भूमि परियोजना के अनुकूल होनी चाहिए यानि जलभराव की समस्या न हो.
पहले से संचालित कामधेनु अथया मिनी कामधेनु अथवा माइक्रो कामधेनु योजना के लाभार्थियों को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सकेगा. वहीं लाभार्थी का चयन, प्राप्त आवेदन आनलाइन या आफलाइन के माध्यम से, किया जायेगा. जिसकी हार्डकापी सम्बन्धित जनपद के मुख्य विकास अधिकारी या मुख्य पशु चिकित्साधिकारी आफिस में उपलब्ध कराई जाएगी. आवेदनों की संख्या अधिक होने की स्थिति में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षत वाली समिति द्वारा ई-लाटरी के माध्यम से चयन किया जायेगा. समिति के अध्यक्ष मुख्य विकास अधिकारी होंगे. मुख्य पशु चिकित्साधिकारी संयोजक सचिव होंगे. लीड बैंक ऑफिसर और उप दुग्धशाला विकास अधिकारी सदस्य होंगे.
समिति करेगी चयन
(1) सत्यापन समिति-सत्यापन के लिए गठित समिति में सम्बन्धित उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी और पशुधन प्रसार अधिकारी होंगे. ये समिति द्वारा इकाइयों का सत्यापन विभिन्न चरणों के पूर्ण होने पर किया जाएगा. इसकी सूचना जनपद स्तरीय समिति को दी जायेगी.
(2) सत्यापन समिति की अनुशंसा पर जिला स्तरीय समिति (मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, लीड बैंक ऑफिसर और उप दुग्धशाला विकास अधिकारी) द्वारा स्थापित इकाइयों के लिए अनुदान राशि की मांग मिशन निदेशक, नन्द बाबा दुग्ध मिशन को प्रस्तुत की जायेगी.
(3) जनपद स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी और मुख्य पशु चिकित्साधिकारी का संयुक्त बचत खाता किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में खोला जाएगा.
(4) मिशन निदेशक, नन्द बाबा दुग्ध मिशन द्वारा मांग के अनुरूप धनराशि जनपद स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी और मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के संयुक्त बचत खाते में ट्रांसफर की जायेगी.
5) वेरिफिकेशन सत्यापन समिति द्वारा वेरिफिकेशन रिपोर्ट और रिकमेंडेशन पर ग्रांट का पैसा (जनपद स्तरीय मुख्य विकास अधिकारी और मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के संयुक्त खाते से लाभार्थी के बैंक खाते में भेजा जाएगा.
(6) मुख्य विकास अधिकारी और मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के संयुक्त खाते में हासिल ब्याजनन की धनराशि मिशन निदेशक, नन्द बाबा दुग्ध मिशन के पक्ष में वापस की जायेगी.
(7) जनपद स्तर से प्राप्त मासिक प्रगति प्रतिवेदन के आधार पर निदेशक, प्रशासन और विकास पशुपालन विभाग के स्तर पर मॉनीटरिंग और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया जायेगा. इस संबंध में मिशन निदेशक, नन्द बाबा दुग्ध मिशन को भी अवगत कराया जाएगा.
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