Home सरकारी स्की‍म Goat Farming: जमुनापारी बकरी-बकरे के लिए UP सरकार देगी 80 हजार रुपये, जानें क्या है योजना
सरकारी स्की‍म

Goat Farming: जमुनापारी बकरी-बकरे के लिए UP सरकार देगी 80 हजार रुपये, जानें क्या है योजना

animal news
प्रतीकात्मक फोटो:

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश सरकार की जमुनापारी बकरियों का सुधार एंव संरक्षण योजना के तहत योजना का मुख्य उद्देश्य बकरों में गुणवत्ता के आधार पर वजन व दूध उत्पादन को बढ़ावा देना है. साथ ही इनब्रीडिंग को रोकना और नस्ल सुधार करना है. इसके अलावा इस योजना के तहत एफ-2 क्रास में जमुनापारी नस्ल का लगभग शुद्ध जर्मप्लाजम प्राप्त करना, जमुनापारी ब्रीडिंग ट्रैक में उच्च गुणवत्ता की नस्ल को संरक्षित करना है. बताते चलें कि अच्छी गुणवत्ता के बकरे व बकरी के चयन में मेलों का आयोजन करते हुए 65 हजार रुपये से लेकर 80 हजार रुपये तक देने की बात कही गई है.

जमुनापारी बकरियों का सुधार एवं संरक्षण योजना के तहत प्रति बकरा 55 हजार रुपये से 70 हजार रुपये प्रति बकरे की दर से लाभार्थी को आरटीजीएस और डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जायेगा. लाभार्थी के पास यदि एक से ज्यादा उच्च गुणवत्ता के नर और मादा उपलब्ध हैं तो उन्हें भी क्रय किया जा सकता है.

मेला आयोजन हेतु स्थल का चयन
मेला आयोजन के लिए स्थान का चयन किसी एक ग्राम पंचायत में, जहां पशुओं की संख्या अधिक हो, कुछ में नियमों के मेलों का आयोजन किया जायेगा. गांव में मेलों के आयोजन के लिए पर्याप्त भूमि की उपलब्धता होनी चाहिए. पशुओं को बांधने हेतु पर्याप्त जगह तथा पीने के पानी की उपलब्धता हो. गांव में आवागमन की उचित सुविधा एवं सम्पर्क मार्ग हो. चयनित क्षेत्र अथवा ग्राम में अधिक से अधिक कृषक, पशुपालकों को अपने पशुओं के साथ प्रतिभाग करने में यथासंभव कम से कम दूरी तय करनी पड़े.

कहां आयोजित होगा पशु मेला
प्रदेश के जनपद इटावा एवं औरैया में मेलों का आयोजन किया जायेगा. मेला आयोजन का समय सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक निर्धारित किया जायेगा. प्रत्येक मेले के आयोजन से एक सप्ताह पहले निर्धारित गांव से 7 किलो मीटर की परिधि में आने वाले गांवों में भ्रमण कर व्यापक प्रचार-प्रसार का कार्य मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा नामित, पशु चिकित्साधिकारियों, पशुधन प्रसार अधिकारियों और अन्य संबंधित स्टाफ द्वारा किया जायेगा. वहीं इस काम के लिए उनकी ड्यूटी लगायी जायेगी. मेले से पहले सभी जरूरी उपकरणों अन्य सामानों की वक्त व्यवस्था कर ली जायेगी. मेले में प्रतिभाग कर रहे किसानों और पशुपालकों तथा उनके पशुओं का पंजीकरण उपलब्ध कराये गये प्रारूप में किया जायेगा.

मेला आयोजन के लिए स्थल का चयन
किसी एक ग्राम पंचायत में जहां पशुओं की संख्या अधिक हो. में निम्न मानकों के दृष्टिगत मेलों का आयोजन किया जायेगा. गांव में मेलों के आयोजन के लिए पर्याप्त भूमि की उपलब्धता हो. पशुओं को बांधने के लिए जरूरी जगह तथा पीने के पानी की उपलब्धता हो. लोगों के आवागमन की उचित सुविधा एवं सम्पर्क मार्ग हो. चयनित क्षेत्र अथवा ग्राम में अधिक से अधिक किसानों पशुपालकों को अपने पशुओं के साथ प्रतिभाग करने में यथासंभव कम से कम दूरी तय करनी पड़े.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

cattle shed, Luwas, Animal Husbandry, Parasitic Diseases, Diseases in Animals, Animals Sick in Rain, Lala Lajpat Rai University of Veterinary Medicine and Animal Sciences, Luwas, Pesticides,
सरकारी स्की‍म

UP सरकार की इस योजना के तहत गोपलाकों को कितना और कैसे मिलता है नकद पुरस्कार

दुग्ध उत्पादकता का निर्धारण आवेदन प्राप्त होने के 30 दिन के अन्दर...

COW SHELTER HOME,GAUSHALA IN LUCKNOW,YOGI GOVERNMENT
सरकारी स्की‍म

UP की मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना का क्या है मकसद और फायदा, जानें यहां

पशुपालकों में स्वदेशी गायों में नस्ल सुधार, उनकी बेहतर देखभाल, गुणवत्तायुक्त पोषण...

abortion in cows
सरकारी स्की‍म

UP Government: नंद बाबा ​स्कीम के तहत कौन कर सकता है आवेदन, क्या है इसका तरीका, पढ़ें यहां

गाय के क्रियाशील बीमा का डिटेल, पशुपालक के बैंक पासबुक की फोटो,...