Home पोल्ट्री Poultry Farming : मुर्गियों को ऐसा क्या खिलाएं, जिससे बढ़ जाए पोल्ट्री में प्रोडेक्शन, जानिए यहां डिटेल
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Poultry Farming : मुर्गियों को ऐसा क्या खिलाएं, जिससे बढ़ जाए पोल्ट्री में प्रोडेक्शन, जानिए यहां डिटेल

बीमार मुर्गी का वजन कम हो जाता है और हर समय उदास रहती है.
चूजों की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. यदि आप पोल्ट्री कारोबार करना चाहते हैं तो जानें लें कि मुर्गियों से तभी अच्छा उत्पादन हासिल कर पाएंगे जब उसका अच्छा पोषण होगा और उसे जरूरी भोजन मिलेगा. पोल्ट्री फीड फॉर्मूलेशन इस बात पर निर्भर करता है कि आप मुर्गियों अंड के लिए पाल रहे हैं या फिर मीट के लिए. कुछ बुनियादी पोषक तत्व हैं, जिनमें चिकन प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा उचित मात्रा में विटामिन और खनिज पानी की आवश्यकता होती है. इसमें से एक की भी कमी से उत्पादन में रुकावट आ जाती है. इसलिए आवश्यक है कि लगभग सभी स्तर पर राशन में 18 से 20 फ़ीसदी प्रोटीन दिया जाए. या फॉर्मूलेशन हड्डियां, मांसपेशियों, प्रतिरक्षा और अतिरिक्त अंग की वृद्धि के विकास के लिए सहयोगी होता है. उनके आहार में प्रोटीन की मात्रा महत्वपूर्ण होती है. कम से कम अधिक दोनों ही हानिकारक होता है. यह उन्हें पंख, मांस और अंडे पैदा करने के साथ-साथ बढ़ाने की मदद करता है.


चारा सामग्री आसानी से मिल जाती है और हमारे लिए उपलब्ध है. मकई और सोयाबीन का भोजन आमतौर पर ऊर्जा और प्रोटीन की सबसे प्रसिद्ध स्त्रोत है. इसलिए इसका बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है. आजकल प्रमुख सामग्री के मूल निर्धारण के साथ इसके कुछ हिस्से को बदलने के लिए विकल्प किया जाता है. सोडियम क्लोराइड की स्रोत के रूप में और स्वाद बढ़ाने के लिए नमक मिलाया जाता है. आमतौर पर अधिकांश पोल्ट्री आहार में जीरो से दो और जीरो से 5 परसेंट इसे मिलाया जाता है.

मछली का तेल है जरूरी: टैंगो पैरों त्वचा और अंडे की जर्दी के लिए पीले रंग के लिए जितना संभव हो सके पीले मकई के साथ.साथ जैंथाफिल के अच्छे स्रोतों जैसे अल्फाल्फा भोजन या मकई ग्लूटेन भोजन, का उपयोग करना चाहिए. मछली के तेल विटामिन ए, डी का एक भरोसेमंद स्रोत है. मुख्य रूप से इसका उपयोग मुर्गी दाना को डालने में किया जाता है. हरी चारागाह धूप और पर्याप्त न होने पर मछली का तेल बहुत प्रभावित होता है.

मुर्गियों को गेहूं भी देना चाहिए: तेजी से विकास और अच्छा स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए चूजों का आहार प्रोटीन और संद्रण से समृद्ध होना चाहिए. उनके दो या तीन सप्ताह के होने के बाद उन्हें सिर्फ सेल्फ फीडर के साथ सूखा मैश दें. उनकी मांग के अनुसार ताजा और साफ पानी की आपूर्ति की जाए. चूजे तब यह तीन से चार सप्ताह के कितना हो जाए तब तक उसमें कुछ सुख फटा हुआ गेहूं मैश करके देना चाहिए.

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