नई दिल्ली. मध्य प्रदेश सरकार लगातार राज्य में डेयरी किसानों को फायदा पहुंचाने और किसानों की आय को दोगुनी करने के मकसद से प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन के प्रबंध निदेशक डॉ. सतीश कुमार एस ने जीसीएमएमएफ (अमूल) के एमडी जयेन मेहता और एनडीडीबी के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में एनडीडीबी के अध्यक्ष डॉ. मीनेश सी शाह से मुलाकात की. इस दौरान जो चर्चा हुई उसमें राज्य में डेयरी विकास को गति प्रदान करने के लिए एमपी राज्य डेयरी फेडरेशन और उसके संबद्ध संघों को मजबूत करने पर फोसक था.
इस दौरान एनडीडीबी अध्यक्ष ने महासंघ को मजबूत करने के लिए समर्थन और तकनीकी मार्गदर्शन की पेशकश की. वहीं अपनी इस यात्रा के दौरान, डॉ. कुमार ने एनडीडीबी के वर्तमान प्रयासों, अभूतपूर्व पहलों और विविध कार्यों के विशाल स्पेक्ट्रम के बारे में सीखा. उन्होंने एनडीडीबी, अमूल डेयरी की अत्याधुनिक ओवम पिक-अप और इन विट्रो भ्रूण उत्पादन सुविधा और आनंद में त्रिभुवनदास फूड कॉम्प्लेक्स में चॉकलेट प्लांट का भी दौरा किया.
5 रुपये प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि दे रही है सरकार
गौरतलब है कि इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार ने दूध उत्पादन करने वाले पशुपालकों के लिए राज्य का खजाना खोल था. अमूल के पैटर्न पर काम करते हुए पशुपालकों को फायदा पहुंचाने के मकसद से मध्य प्रदेश सरकार ने दूध उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन के रूप में 5 रुपये प्रति लीटर देने की बात कही थी. यह राशि सीधे-सीधे किसानों के खाते में डालने की बात कही गई थी. सरकार इस प्रोत्साहन पर प्रतिवर्ष 200 करोड़ रुपये की लागत वहन करेगी.
दूध उत्पादन बढ़ाना और किसानों को फायदा पहुंचाना है लक्ष्य
सरकार की ओर से बताया गया था कि मध्यप्रदेश में मोहन यादव के नेतृत्व में भाजपा सरकार का ध्यान दूध उत्पादन बढ़ाने पर है. वहीं इस कदम को दूध संग्रह को व्यवस्थित करने और किसानों को इसका फायदा पहुंचने की कोशिश में उठाया गया कदम बताया गया था. वहीं मुख्यमंत्री ने डेयरी किसानों को हितों को मजबूत करने के लिए दूध संग्रहण, गुणवत्ता नियंत्रण, प्रसंस्करण, विपणन, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, मानव संसाधन, डेयरी किसानों पर केंद्रित कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में मध्य प्रदेश-गुजरात के दूध संघों और दुग्ध संघ की सामूहिक भागीदारी के लिए रोडमैप तैयार करने को कहा था.
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