Home पशुपालन Animal Husbandry: पशुओं के लिए घातक है आईबीआर रोग, दुनिया के वैज्ञानिक कर रहे चिंतन
पशुपालन

Animal Husbandry: पशुओं के लिए घातक है आईबीआर रोग, दुनिया के वैज्ञानिक कर रहे चिंतन

Seminar on Infectious Bovine Rhinotracheitis (IBR), nddb
कार्यशाला के दौरान ब्रोशर का विमोचन करते एनडीडीबी अध्यक्ष डॉक्टर मीनेश सी शाह व अन्य.

नई दिल्ली. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के अध्यक्ष डॉक्टर मीनेश सी शाह ने हैदराबाद में मंगलवार को एनडीडीबी आर एंड डी लैब, संक्रामक बोवाइन राइनोट्रैसाइटिस (आईबीआर) पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया.बता दें कि आईबीआर पशुओं का एक तेजी, संक्रामक सांस रोग है, जो बोवाइन हर्पीसवायरस टाइप-1 (बीएचवी-1) के कारण होता है. ये आमतौर पर पर पशुओं पर श्वसन नली और प्रजनन प्रणाली को प्रभावित करता है. यह बहुत ही संक्रामक रोग है, जिस असर ये होता है कि नजदीक के मवेशियों में भी श्वसन रोग तेजी से फैलता है, विशेष रूप से चारागाहों में और जब मवेशियों के समूहों को ले जाया जाता तब ये और भी खतरनाक रूम धारण कर लेता है.


उद्घाटन के दौरान एनडीडीबी अध्यक्ष मीनेश सी शाह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कार्यशाला आईबीआर, पशु एवं पादप स्वास्थ्य एजेंसी (एपीएचए), यूनाइटेड किंगडम के लिए डब्ल्यूओएएच विश्व संदर्भ प्रयोगशाला के सहयोग से चल रहे विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन के ट्विनिंग कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण घटक है. कार्यशाला के महत्व पर जोर देते हुए, उन्होंने पूरे भारत और दक्षिण एशिया में आईबीआर निदान को व्यापक और सामंजस्यपूर्ण बनाने का लक्ष्य अपनाया.

आईबीआर निदान को व्यापक और सुसंगत बनाने जोर
कार्यशाला निदान तकनीकों और प्रणालियों को WOAH दिशानिर्देशों के साथ समोयोजित करने पर केंद्रित है. विशेष रूप से, दक्षिण एशियाई देशों और भारत में अग्रणी पशु रोग निदान प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिक 4 मार्च से 8 मार्च, 2024 तक निर्धारित इस 5-दिवसीय कार्यशाला में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं. अध्यक्ष एनडीडीबी ने आईबीआर निदान को व्यापक और सुसंगत बनाने में कार्यशाला के महत्व पर जोर दिया. इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में दक्षिण एशिया की प्रमुख पशु रोग निदान प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिक शामिल होंगे.आईबीआर प्रयोगशाला डायग्नोसिस एसओपी पर एक मैनुअल के लॉन्च के साथ उद्घाटन हुआ. डायग्नोस्टिक प्रयोगशालाओं के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका, आईबीआर रोग नियंत्रण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है.

भारत के अलावा इन देशों के वैज्ञानिकों ने लिया भाग
इस सेमिनार में इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन के अध्यक्ष, पियरक्रिस्टियानो ब्रेज़ेल, डॉक्टर आनंद कुमार, एमडी, इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (आईआईएल); डॉक्टर सीपी देवानंद, एमडी, एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज, एस राजीव, ईडी, एनडीडीबी, और डॉक्टर आरओ गुप्ता, वरिष्ठ महाप्रबंधक, एनडीडीबी ने भाग लिया. इसमें भारत और पड़ोसी देशों जैसे श्रीलंका, नेपाल और भूटान से प्रतिभागियों ने भी भाग लिया.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

ivri
पशुपालन

Animal News: नेपाल, कतर, श्रीलंका के डॉक्टर बरेली में सीख रहे गाय-भैंस की दिल की बीमारी का इलाज

इस कोर्स में श्रीलंका, नेपाल, कतर, तथा देश के आसाम, दिल्ली, मध्य...

livestock animal news
पशुपालन

Animal News: साल 2030 तक भारत में 300 बेसहारा हाथियों को सहारा देगी ये संस्था, बनाया ये 5 प्लान

बुद्धिमान और सामाजिक जानवर यह हाथी नेत्रहीन, एकान्त जीवन और गंभीर चोटों...

Semen Bank, Sahiwal, Rathi, Desi Cow, Embryo Transplantation Technology, Pandit Deendayal Upadhyaya University of Veterinary Sciences, Mathura
पशुपालन

Dairy Animal: कमजोर पशु को 15 दिनों में तंदुरुस्त कर देगा ये फल

कुछ दिनों में यह समस्या दूर हो जाएगी. वहीं पशु की अगर...