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Animal Husbandry: मार्च के महीने में पशुओं का रखें किस तरह ख्याल, क्या-क्या करें पढ़ें यहां

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुपालन की तरफ अब किसानों का रुझान तेजी के साथ बढ़ता चला जा रहा है. पशुपालन करके किसान इससे अच्छी खासी आमदनी कमा रहे हैं. जबकि सरकार भी पशुपालन को बढ़ावा दे रही है. ताकि किसानों की आमदनी दोगुनी की जा सके. पशुपालन तभी फायदेमंद होता है, जब पशुओं की बेहतर तरीके से और साइंटिफिक ढंग से देखभाल किया जाए. यदि पशुपालक ऐसा करने में नाकामयाब रहे तो उत्पादन नहीं मिलता है और फिर पशु पालने वाले किसानों को इससे फायदा भी नहीं होता है.

हर सीजन में पशुओं की देखभाल अलग-अलग तरीके से की जाती है. मसलन इस वक्त मार्च का महीना चल रहा है, इस वक्त न तो ज्यादा गर्मी है और न ही ज्यादा ठंड है. दिन में मौसम थोड़ा गर्म रहता है और रात में ठंडा रहता है. ऐसे में पशुओं का कैसे ख्याल रखा जाए? उन्हें आहार में क्या दिया जाए? उनके रखरखाव में क्या सावधानी बरती जाए, यह सब जानना पशुपालकों के लिए जरूरी है. इस आर्टिकल में आपको मार्च माह में पशुधन संबंधित क्या कार्य करने चाहिए इसके बारे में जानकारी दी जा रही है.

खनिज मिश्रण जरूर खिलाएं
राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान एनडीआरआई के मुताबिक मार्च माह में ब्याने वाले पशुओं को प्रसूति बुखार से बचने के लिए खनिज मिश्रण 50 से 60 ग्राम प्रतिदिन देना चाहिए. पशु ब्याने के 1 से 2 घंटे के अंदर नवजात बच्चे खीस आवश्यक पिला देना चाहिए. नवजात बछड़े ​बछड़ियों को 10 से 15 दिन की आयु पर सींग रहित करवा देना चाहिए. पशुओं को बाहर के परजीवियों से बचने के लिए पशु चिकित्सक की सलाह अनुसार जरूरी दवाई का छिड़काव नियमित करना चाहिए.

वैक्सीनेशन जरूर करवाएं
पशुओं को संक्रामक रोगों से रोग रोधी टीके समय-समय पर आवश्यक लगवाना चाहिए. बरसीम फसल की सिंचाई अधिक गर्मी होने पर शाम में करें. हरे चारे की फसल से अधिक उत्पादन लेने के लिए उन्नत किस्म के बीच के प्रयोग करना चाहिए. खरीफ में हरा चारा लेने के लिए जवाहर और मक्का की बिजाई करें. यदि पशुपालक इन बातों का ख्याल रखेंगे तो उनके पशु स्वस्थ रहेंगे और अच्छा उत्पादन भी मिलेगा.

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