Home पशुपालन Green Fodder: हरे चारे के लिए इस फसल का इस्तेमाल कर सकते हैं किसान, बहुत ज्यादा मिलती है उपज
पशुपालन

Green Fodder: हरे चारे के लिए इस फसल का इस्तेमाल कर सकते हैं किसान, बहुत ज्यादा मिलती है उपज

green fodder livestock animal news
प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. हरे चारे की खेती पशुओं को गर्मी में भी संतुलित पोषण देने के लिए जरूरी है. संतुलित पोषण से पशु स्वस्थ रहते हैं और उनसे मिलने वाला दूध अधिक व उत्तम गुणों वाला होता है. हरा चारा खिलाने से दूध अधिक व अच्छी गुणवत्ता वाला मिलता है. इसलिए जिन किसानों के पास सिंचाई का साधन है और पशु पालन करते हैं, उनको गर्मियों में हरा चारा उगा कर पशुओं को सूखे चारे के साथ मिलाकर खिलाना चाहिए. इसके लिए बाजरा, ज्वार, चंवला या ग्वार की बुवाई की जा सकती है.

उदाहरण के तौर पर समझें तो जिन किसानों ने नवंबर में रिजका या बरसीम की बुवाई की हुई हैं तो उससे भी उनको मौजूदा वक्त में गर्मी में हरा चारा मिलता रहा होगा. वहीं किसान अपने खेत के कुछ हिस्से में यदि संकर बाजरा नेपियर या गिनी घास लगा रखी है तो उससे भी गर्मी में हरा चारा मिलना आसान हो जाता है.

ज्वार की कब करें बुवाई
ज्वार की बुवाई का समय जुलाई-अगस्त में होता है. इस फसल में बीज दर 45 किग्रा प्रति हेक्टेयर रखी जाती है. बुवाई से पहले थाईरम फफूंदनाशी से 2 ग्राम प्रति किग्रा बीज की दर से बीजोबचार फायदेमंद रहता है. वहीं कतार से कतार की दूरी 30 सेमी रखनी चाहिए. वहीं खाद व उर्वरक के तौर पर 20 से 25 टन प्रति हेक्टेयर की दर से गोबर की खाद बुवाई के एक माह पूर्व खेत में मिलाएं. 60 किग्रा नत्रजन एवं 30 किग्रा फासफोरस प्रति हेक्टेयर मिलाए.

इस तरह करें पौधों की हिफाजत
खरपतवार नियंत्रण की बात करें तो खरपतवार को निराई-गुडाई से हटाया जा सकता है और अंकुरण से पूहले एट्राजीन खरपतवारनाशी 1 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने से भी प्रभावी नियंत्रण होता है. डाउनी मिल्ड्यू रोग ग्रसित पौधों को खेत से उखाड़ कर जला देना चाहिए. चेपा डाईमेथोएट (30 ई.सी.) 0.03 प्रतिशत अथवा मिथाईल डेमेटोन (25 ई.सी.) 0.02 प्रतिशत का छिड़काव करें.

कितने दिनों पर करें कटाई
बढ़वार की शुरुवाती अवस्था में ज्वार की फसल को पशुओं को नहीं खिलाना चाहिए. क्योंकि शुरू में एच.सी.एन. की मात्रा हानिकारक स्तर पर होती है. उसकी मात्रा बढ़वार पर कम हो जाती है. पुष्प बनने की अवस्था पर एचसीएन से कोई नुकसान नहीं होता है. इसलिए ज्वार के चारे को बुवाई के 40 दिन तक पशुओं को नहीं खिलाना चाहिये. जिन किस्मों में एक से अधिक कटाई होती है उनमें पहली बुवाई के 50-55 दिन पर व अन्य कटाईयां उसके 30-35 दिन बाद करें. अच्छी पुनर्वृद्धि प्राप्त करने के लिए कटाई जमीनी सतह से 5-7 सेमी ऊंचाई से काटें.

700 क्विंटल तक मिलता है चारा
चारा उपलब्धता की बात की जाए तो सितंबर से नवंबर में चारा उपलब्ध रहता है. चारा उपज देखें तो एकल कटाई फसल से 300-400 क्विंटल प्रति हेक्टयर 500-700 क्विंटल प्रति हेक्टयर बहु कटाई फसल से मिल सकता है. किस्मों की बात करें तो एकल कटाई किस्में राज चरी-1 एवम् राज चरी-2 बहु कटाई किस्में एस एस जी -59-3 एवं सी ओ एफ एस- 29 की बुवाई की जा सकती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

langda bukhar kya hota hai
पशुपालन

Animal Husbandry: पशुओं की अच्छी सेहत और प्रोडक्शन के लिए ठंड में करें इन 14 टिप्स पर काम

वहीं सरकारी योजनाओं का फायदा उठाकर किसान पशुपालन में आने वाले जोखिम...

livestock animal news
पशुपालन

Animal Husbandry: सितंबर के महीने में इन 14 प्वाइंट्स पर जरूर करें गौर, पशुपालन में बढ़ जाएगा मुनाफा

पशुशाला से लेकर उनकेे खान-पान पर ध्यान देना जरूर होता है. पशुशाला...

livestock animal news
पशुपालन

Cow Husbandry: गायों में इस संक्रमण की वजह से हो जाता है गर्भपात, यहां पढ़ें कैसे किया जाए बचाव

इस रोग के कारण गायों में गर्भावस्था की अंतिम तीन महीनों में...

sheep and goat farming
पशुपालन

Animal News: भेड़-बकरी पालन के फायदों को बताएगा आकाशवाणी, देगा नई तकनीकों की जानकारी

केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर एवम आकाशवाणी केंद्र जयपुर के...