नई दिल्ली. सेहत बहुत जरूरी है. अगर सेहत ही ठीक नहीं है तो फिर बीमारी बहुत जल्दी जकड़ लेती है. अब कई तरह की बीमारियां खेतों में इस्तेमाल किए जाने वाले रासायनिक खादों की वजह से हो रही है. पशुओं को इसी तरह का चारा खिलाया जा रहा है. नतीजे में बीमारी दरवाजे पर दस्तक देती नजर आती है. एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि पशुओं को बिना रासायनिक खाद वाला चारा देना चाहिए. दूध बढ़ाने के लिए ऐसी चीजों को खिलांए, जिसका नुकसान न तो पशुओं को हो न ही दूध पीने वाले इंसानों को. मवेशियों और इंसानों को बीमारी से बचाने का उपाय जैविक पशुपालन है.
यही वजह है कि पशुपालन करने के साथ-साथ अब जैविक पशुपालन की भी चर्चा शुरू हो गई. जिसको लेकर एक्सपर्ट का कहना है कि नेचुरल में बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी और इकोलॉजी व्यवस्था में स्थिरता की कमी देखी जा रही है. इन बीमारियों से बचने और इंसानों समेत अन्य प्राणियों को हेल्दी रखने के लिए बेहद ही जरूरी है कि प्रोडक्शन को बढ़ाने के साथ-साथ खाने वाले सामनों की क्वालिटी को भी बढ़ाया जाए. यही वजह है कि अब जैविक पशुधन उत्पादन को बढ़ाने की आवश्यकता महसूस हुई है.
जैविक पशुपालनः क्या करें ?
- जैविक पशुधन फार्म को सामान्य, पशुधन फार्मों से बिल्कुल अलग रखें, अन्य पशुओं को इसमें न आने दे तथा इसका सर्टिफिकेशन अथरॉइज्ड एजेंसी से करवाएं.
- जमीन की उर्वरकता को बढ़ाने के लिए पूर्णतः जैविक खाद जैसे की वर्मीकम्पोस्ट, जैविक उपघटक पदार्थों तथा फार्म में बचे हुए अनुपयोगी पदार्थों का उपयोग करें.
- पशुओं को पूरी तरह जैविक चारा खिलाएं और चारे के उत्पादन के लिए प्रमाणित जैविक बीजों का ही उपयोग करें.
- कीटों व पीड़कों का नियंत्रण जैविक व भौतिक विधियों से करें.
- पशुओं को प्राकृतिक चारागाहों में साइकिल चेन में अधिक से अधिक चरायें.
- पशुओं का प्रबंधन अच्छी तरह से करे ताकि वे बीमार नहीं पड़े, बीमार होने पर जहाँ तक संभव हो आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग करें.
- इन पशुओं से प्राप्त उत्पादों को अन्य पशु उत्पादों से बिलकुल अलग रखे तथा इनकी प्रोसेसिंग जैविक तरीके से करें.
- इन पशु उत्पादों में कोई भी संश्लेषित फीड एडिटिवस या रासायनिक संरक्षक न मिलाएं.
- जैविक पशुधन उत्पादों की पैकेजिंग भी जैविक तरीके से करें.
- जैविक पशुधन उत्पादों को प्रमाणीकृत एजेंसी से प्रमाणित करवाकर उन पर जैविक पशुधन उत्पाद होने का मार्का लगाकर ही बेचें जिससे पशुपालक को अधिक लाभ मिलेगा.
जैविक पशुपालन में क्या नहीं करें
- चारा उत्पादन के लिए जेनेटिकली मॉडिफाइड बीजों का उपयोग न करें.
- मृदा की उर्वरकता को बढ़ाने के लिए संश्लेषित रासायनिक खादों का उपयोग न करें.
- कीटों व पीड़कों के नियंत्रण के लिए संश्लेषित कीटनाशकों व पीड़कनाशका का उपयोग न करें.
- खरपतवार को नष्ट करने के लिए संश्लेषित खरपतवारनाशी का उपयोग करें.
- पशुओं में जहां तक संभव हो एलोपैथिक दवाईयों का इस्तेमाल न करें.
- जेनेटिकली मॉडिफाइड वैक्सीन का इस्तेमाल न करें.
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