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GADVASU: BSF के टायसन के बाद अब बम का पता लगाने वाले RPF के एनेक्स की बची जान

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इलाज के दौरान RPF के एनेक्स की ली गई तस्वीर.

नई दिल्ली. जान बचाने के कौशल की वजह से ही डॉक्टरों को धरती का भगवान भी कहा जाता है. इन दिनों डॉक्टरों की टीम के एक कारनामे की खूब चर्चा हो रही है. दरअसल, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के विस्फोटक जांच कुत्ते ‘एनेक्स’ ने अग्नाशयशोथ (Pancreatitis) और एक गंभीर गुर्दे की चोट से पीड़ित था, जिसे डॉक्टरों ने इलाज करके सही कर दिया है. बताते चलें कि एनेक्स, उत्तरी रेलवे के चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर सार्वजनिक सुरक्षा के लिए तैनात है और डॉग स्क्वायड के सदस्य के रूप में जिम्मेदारी निभाता है, जिसे गंभीर रूप से बीमार होने के बाद गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के मल्टी-स्पेशलिटी पशु चिकित्सा अस्पताल की डायलिसिस इकाई में इलाज के लिए लाया गया था.

बताया गया कि गंभीर बीमारी के कारण एनेक्स की हालत बिगड़ती चली जा रही थी. इसके चलते उसे तत्काल इलाज की जरूरत थी. यही वजह है कि गडवासु की डायलिसिस इकाई में पशु चिकित्सा टीम ने गुर्दे की चोट को ठीक करने के लिए डायलिसिस शुरू किया. डायलिसिस यूनिट के पशु चिकित्सा विशेषज्ञों की देखभाल के तहत, एनेक्स ने उपचार के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया दी. डायलिसिस प्रक्रियाओं और चिकित्सा व्यवस्था ने उसकी स्थिति को स्थिर करने में मदद की, और कुत्ता अब ठीक होने की राह पर है.

डॉक्टरों की टीम ने बचाई जान
डायलिसिस विशेषज्ञ और डायलिसिस यूनिट के प्रभारी डॉ. रणधीर सिंह और टीम के अन्य सदस्यों डॉ. राजसुखबीर सिंह, डॉ. गुरप्रीत सिंह और डॉ. सचिन ने अपने प्रयासों के सफल होने पर खुशी जताई. खासकर इसलिए क्योंकि एनेक्स आरपीएफ का एक महत्वपूर्ण सदस्य है, जो विस्फोटकों का पता लगाने और रेलवे नेटवर्क में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायता करता है. क्लीनिक के निदेशक डॉ. स्वर्ण सिंह रंधावा ने कहा कि 2020 में इस यूनिट की स्थापना के बाद से कई लोगों की जान बचाई गई है थी और इससे पहले भी इस यूनिट ने बीएसएफ के सीमा सुरक्षा कुत्ते ‘टायसन’ की जान बचाई थी. आरपीएफ के अधिकारियों ने डायलिसिस यूनिट की टीम को उनके समर्पण और विशेषज्ञता के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि एनेक्स बल के लिए एक अमूल्य संपत्ति रही है.

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एनेक्स का इलाज करने वाली डॉक्टरों की टीम व आरपीएफ अधिकारी.

देशभर से इलाज के लिए लाए जाते हैं पालतू जानवर
वहीं कॉलेज ऑफ वेटरनरी साइंस के डीन डॉ. एसपीएस घुमन ने बताया कि टीचिंग वेटरनरी क्लिनिकल कॉम्प्लेक्स की डायलिसिस यूनिट ने फिर से साबित कर दिया है कि जब विशेष एक्स्ट्राकोर्पोरियल रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी प्रदान करने की बात आती है तो यह भारत में सर्वश्रेष्ठ हैं. कुलपति डॉ. जेपीएस गिल ने डायलिसिस यूनिट की टीम को बधाई दी और बताया कि यह उत्तर भारत की एकमात्र पशु चिकित्सा डायलिसिस यूनिट है, जहां पंजाब ही नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों से भी लोग अपने पालतू जानवरों को किडनी फेलियर से पीड़ित लेकर आते हैं.

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