Home पोल्ट्री Poultry Farming: मुर्गी पालन शुरू करने और ज्यादा फायदा उठाने के लिए इन 12 टिप्स को जरूर पढ़ें
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Poultry Farming: मुर्गी पालन शुरू करने और ज्यादा फायदा उठाने के लिए इन 12 टिप्स को जरूर पढ़ें

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पोल्ट्री फार्म का प्रतीकात्मक फोटो. livestock animal news

नई दिल्ली. अगर आप भी मुर्गी पालन करने का मन बना चुके हैं तो ये खबर आपके लिए है. इस खबर में एक्सपर्ट द्वारा बताई गई ​कुछ टिप्स आपसे शेयर की जा रही है. जिसको पढ़कर आपको अंदाजा हो जाएगा कि मुर्गी पालन में क्या—क्या करना जरूरी है. कैसे मुर्गी पालन को आसानी से किया जा सकता है और इसमें ज्याद से ज्यादा फायदा उठाया जा सकता है. क्योंकि किसी भी बिजनेस को करने के लिए ये जानना जरूरी है कि कैसे बिजनेस में ज्यादा फायदा उठाया जा सकता है और कैसे नुकसान से बचा जा सकता है.

पोल्ट्री एक्सपर्ट डॉ. इब्ने अली का कहना है कि अगर पोल्ट्री फार्मर्स को पोल्ट्री फार्मिंग से जुड़ी जानकारियां नहीं होंगी तो फिर वो पोल्ट्री फार्मिंग से ज्यादा फायदा नहीं उठा पाएंगे.

यहां जानें क्या—क्या होना चाहिए
-कटाई के मौसम में सभी चारा सामग्री को स्टोर करने के लिए आपके पास पर्याप्त पैसा और जगह होना चाहिए.

-15 हजार से अधिक पक्षियों वाले ब्रॉयलर और 30 हजार से अधिक के लेयर किसानों के पास अपना खुद का चारा संयंत्र होना चाहिए.

-ब्रॉयलर किसान के पास अपनी खुद की सप्लाई चेन या रिटेल काउंटर होना चाहिए और लेयर किसान को सीधे अंडे की बिक्री करनी चाहिए.

-किसान को एक खेत में 5 से 6 घंटे बिताने में सक्षम होना चाहिए.

-भोजन देने की जगह, पानी देने की जगह, वेंटिलेशन, कूड़े की गहराई, कमरे के तापमान पर कोई भी समझौता उत्पादन को कम कर देगा. इसलिए टीकाकरण और प्रबंधन पर कभी समझौता न करें.

-पोल्ट्री से हासिल धन को कभी भी अन्य व्यवसाय में न लगाएं और फार्म स्तर पर पोल्ट्री पोषण प्रयोगशाला स्थापित करके इसकी दक्षता में सुधार करने का प्रयास करें.

-पोल्ट्री फार्म का डिजाइन दूसरों से कॉपी न करें. आपके क्षेत्र की खासियत अलग हो सकती है.

-बुखारी (आरी धूल हीटर) के बजाय स्पेस हीटर जैसी आधुनिक तकनीक को अपनाने से सांस संबंधी समस्याएं और शेड में कम नमी पैदा होती है.

-आपके फार्म में हर 30 हजार घन फीट क्षेत्र के लिए एक पंखा होना चाहिए. नहीं तो आप सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित हो सकते हैं.

-चूंकि माइकोप्लाज्मा हर जगह, विशेष रूप से भारत में है, इसलिए किसानों को समस्या के अनुसार परतों में महीने में एक बार और ब्रॉयलर में 3,12, और 18 दिनों में एंटीमाइकोप्लाज्मा दवाओं का मासिक कोर्स देना चाहिए.

-चूजों को कभी भी लंबी दूरी से न खरीदें और उनका परिवहन 30 से 32 डिग्री सेल्सियस पर किया जाना चाहिए.

-लेयर में 35 ग्राम से कम और ब्रॉयलर में 40 ग्राम से कम वजन वाले चूजे अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं और उन्हें एक दिन की उम्र में अलग कर देना चाहिए और अतिरिक्त विटामिन और पोषण पूर्ण आहार देना चाहिए.

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