नई दिल्ली. ठंड के दिनों में मछलियों का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. तालाब का पानी ज्यादा ठंडा हो जाने के कारण मछलियों को गर्म पानी से नहलाया जाता है. वहीं ठंड में तालाब के अंदर आक्सीजन की भी कमी हो जाती है. इसके कारण मछलियों की मौत होने लगती है. जिससे बचाव करने के लिए एयरेटर चलाकर तालाब में आक्सीजन दी जाती है. वहीं पानी के तापमान को कम करने के लिए जमीन का पानी भी तालाब में डाला जाता है. ठंड में इस तरह से देखरेख करने के साथ-साथ मछलियों के खाने पर भी ध्यान देना होता है. क्योंकि इसका भी जुड़ाव मछलियों की ग्रोथ और जिंदगी से होता है.
फिश एक्सपर्ट कहते हैं कि मछली पालकों को ये पता होना चाहिए कि कब कितना फीड मछलियों को देना है. जब टेंप्रेचर ज्यादा हो जाए तो तब कितना फीड देना है और सामान्य में कितना. जबकि ठंड में मछलियों को कितनी बार भोजन देना है, इसकी जानकारी होना भी जरूरी है. आमतौर पर मछलियों की अच्छी ग्रोथ के लिए बारीक पीसी हुई सरसों की खल्ली और चावल के कुंडों का मिक्सचर दिया जा सकता है. मछली का साइज बढ़ाने के लिए, चावल की भूसी और सरसों की खली को बराबर मात्रा में मिलाकर खिलाया जा सकता है. इससे मछलियों का साइज तेजी के साथ बढ़ जाता है.
तो न दें मछलियों को खाना
फिश एक्सपर्ट का कहना है कि जब तालाब के पानी का तापमान 50 से 60 डिग्री फारेनहाइट हो तो दिन में एक बार ही भोजन देना चाहिए. वहीं तापमान 50 से 55 डिग्री फारेनहाइट के बीच हो तो हफ्ते में एक बार तक भोजन कम कर देना चाहिए. इसके अलावा अगर तापमान 50 डिग्री से नीचे जाने की संभावना हो तो मछलियों को फीड देना सही नहीं होता है. मछलियों को ज्यादा न खिलाए क्योंकि बिना खाए भोजन से तालाब में कार्बनिक पदार्थ बढ़ जाते हैं. इससे ऑक्सीजन का स्तर बेहद कम हो जाता है नतीजे में मछलियों की मौत होने लगती है.
सतह पर आई मछलियों को न दें भोजन
हमेशा इस बात का ध्यान दें कि बचे हुए भोजन को फेंक देना चाहिए. क्योंकि खुले पैकेज में जैसे—जैसे वक्त बीतता है तो पोषक तत्व खराब हो जाते हैं. सर्दियों के मौसम में अगर मौसम थोड़ा बहुत गर्म हो जाए तो मछलियां धूप लेने के लिए सतह पर आ जाती हैं. सतह पर आईं हुई मछलियों को खाना नहीं खिलाना चाहिए. एक्सपर्ट कहते हैं कि मछलियों को सूखे कीड़े भी खिलाए जा सकते हैं लेकिन पहले कीड़ों को भिगोना जरूरी है. ताकि मछलियों को निगलने में आसानी हो.
Leave a comment