नई दिल्ली. बकरी पालन एक बेहतरीन बिजनेस है. बकरी पालन के जरिये अच्छी-खासी कमाई की जा सकती है. बकरी को गरीबों की गाय कहा जाता है. क्योंकि ये कहीं भी आसानी से पाली जा सकती है. बकरी पालन को कम लागत में किया जा सकता है और ये ज्यादा मुनाफा भी देता है. यही वजह है कि ग्रामीण इलाकों में लोग अपने घरों में बकरी पालते हैं और इससे कमाई करते हैं. अब बकरी पालन लाखों रुपये के शेड तैयार करके होता है और लोग इससे लाखों में कमाई करते हैं. बकरी पालन में जमनापरी बकरी बड़ी ही अच्छी नस्ल होती है, इसे पालने से अच्छा फायदा होता है.
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि जमनापरी बकरी इटावा, यूपी के चकरनगर और गढ़पुरा इलाके में बहुत पाई जाती है. यह इलाका यमुना और चम्बल के बीहड़ वाला है. इस इलाके की खासियत ये है कि यहां पर बकरियों के लिए चराई की अच्छी सुविधा है. इसलिए बकरी चराई कर अच्छा उत्पादन करती है. जमनापारी नस्ल को यूपी की एक खास नस्ल माना जाता है. इसके अलावा यह मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में भी पाई जाती है. बता दें कि जमनापारी अपने गृहनगर इटावा आज भी खूब पाली जाती है. इस नस्ल की बकरी चार-पांच की संख्या में लगभग हर घर में पाली जाती है. इसके लिए अलग से कोई बाड़ा या शेड तैयार नहीं किया जाता है. घर में ही ये यहां-वहां घूमती-फिरती रहती है.
जमनापरी नस्ल की खासियत एक नजर में
लम्बाई में बड़े आकार वाली बकरी है. इसके कान भी लम्बे नीचे की ओर लटके हुए होते हैं.
रंग आमतौर पर सफेद, लेकिन कभी-कभी कान-गले पर लाल रंग की धारियां भी होती हैं.
इसकी नाक उभरी हुई होती है और उसके आसपास बालों के गुच्छे होते हैं.
बकरे-बकरी दोनों के पैर के पीछे ऊपर लम्बे बाल होते हैं.
बकरे और बकरी दोनों में ही सींग पाए जाते हैं.
बकरे का वजन 45 किलो और बकरी का वजन 38 किलो तक होता है.
बकरा 90 से 100 सेमी और बकरी 70 से 80 सेमी ऊंची होती हैं.
जमनापुरी बकरियां अपने 200 दिन के दूधकाल में एवरेज 500 लीटर तक दूध देती हैं.
एक साल में जमनापरी बकरी 21 से 26 किलो तक की हो जाती है.
जमनापरी का बच्चा 4 किलो वजन तक का होता है.
20 से 25 महीने की उम्र पर पहला बच्चा देती है.
दूध के साथ ही यह मीट के लिए भी पाली जाती है.
केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा लगातार जमनापरी बकरी पर रिसर्च करता है.
देश में जमनापरी बकरियों की कुल संख्या 25.56 लाख है.
प्योर जमनापरी ब्रीड बकरियों की संख्या 11.78 लाख है.
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