Home मीट Goshala: मीट निर्यातक फर्म के दान से गोशाला बनने की खबर सामने आते ही हंगामा, फिर हुआ ये बड़ा फैसला
मीट

Goshala: मीट निर्यातक फर्म के दान से गोशाला बनने की खबर सामने आते ही हंगामा, फिर हुआ ये बड़ा फैसला

मध्य प्रदेश के एक गौशाला में चारा खाती गायें.

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े मीट निर्यातक हाजी जहीर की फैक्टरी अल दुआ मीट इंडस्ट्री के दान से जेल परिसर में गौशाला का निर्माण कराए जाने की खबर सामने आते ही हंगामा मच गया. सोशल मीडिया से बात आगे बढ़ी और फिर भाजपा नेता और विधायक भी इसके विरोध में उतर आए. जाहिर है कि इसके बाद जिल प्रशासन को बैकफुट पर आना ही था, तुरंत ही मौके की नजाकत को भांपते हुए प्रशासन ने इस फैसले को बदल दिया. साफ हो गया है कि मीट निर्यातक फर्म के दान से गोशाला का निर्माण नहीं होगा.

गौरतलब है कि जेल के निरीक्षण में डीएम एसएसपी द्वारा जेल में गोशाला संचालित करने पर विचार किया गया था, फिर प्रशासन ने फैसला किया कि मीट निर्यातक कंपनी से सीएसआर फंड लेकर निर्माण कार्य कराए जाए. उद्योग विभाग ने दस गायों की गोशाला के लिए प्रदेश के सबसे बड़े मीट निर्यातक हाजी जहीर की अल दुआ मीट निर्यातक फैक्टरी ने सीएसआर फंड से 15 लाख रुपए लेने का वादा भी ले लिया.

विधायक ने रखा प्रस्ताव, अफसर ने क्या कहा
हालांकि ये बात सामने आते ही हंगामा शुरू हो गया. शहर विधायक मुक्ता संजीव राजा व कोल विधायक अनिल पाराशर ने इस मसले पर कड़ा एतराज जताते हुए सीएम व डीएम को पत्र लिख दिए. इस विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन ने निर्णय बदल दिया है. वहीं विधायक अनिल पाराशर ने प्रस्ताव दिया कि उनकी निधि से गोशाला का निर्माण कराया जाए. इस संबंध में सीडीओ प्रखर कुमार सिंह ने कहा कि जिले में कई बेहतर काम इस तरह की इंडस्ट्री के सीएसआर फंड से होने हैं. मगर गोशाला के लिए मीट इंडस्ट्री के दान को लेकर विरोध की खबरें आ रही हैं. इसलिए जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए गोशाला अब इस फर्म के दान से न बनाना तय किया गया है. इसके लिए अब किसी अन्य कंपनी से दान लेकर काम कराया जाएगा.

विधायक और भोजपा नेताओं ने जताया विरोध
वरिष्ठ भाजपा नेता मानव महाजन ने कहा कि अगले सप्ताह में सीएम से मुलाकात की जाएगी. विरोध दर्ज कराया जाएगा. इस निर्णय को स्वीकार नहीं किया जाएगा. विधायक मुक्ता संजीव राजा ने कहा कि बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि जिस मीट इंडस्ट्री के चलते शहर पिछले डेढ़ दशक से चर्बी की दुर्गंध झेल रहा है. उसी के सहयोग से जेल में गोशाला बनवाकर सनातन समाज का अपमान किया जा रहा है. प्रशासन चाहे तो सरकार को प्रस्ताव भेज दे. इस तरह आस्था का अपमान नहीं करना चाहिए. भाजयुमो मंत्री हर्षद हिंदू ने कहा कि प्रशासन का यह निर्णय सनातन समाज के मुंह पर तमाचा है. इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा. जरूरत हुई तो सड़क पर उतरा जाएगा.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

मीट

Meat Production: पैक मीट के पैकेट पर लेबलिंग पर देनी होती है ये जानकारियां, जानें यहां

लेबल पर जरूरी घोषणा की डिटेल अंग्रेजी या हिंदी (देवनागरी लिपि) में...

मीट

Meat: इस तरह से भी मीट को किया जाता है पैक, यहां जानें इस बारे में

प्रिंसिपल डिस्पले पैनल का अर्थ है, कंटेनर, पैकेज का वह हिस्सा जो...

मीट

Packaging: मीट पैकिंग हो या कोई अन्य प्रोडक्ट, सभी के लिए FSSAI ने बनाए हैं ये नियम

यह गुणवत्ता नियंत्रण से गुणवत्ता प्रबंधन की ओर एक बदलाव को दर्शाता...

red meat
मीट

Meat: मीट की वजह से बढ़ रही है इस तरह के पैकिंग कंटेनरों की डिमांड

क्योंकि मांस के उत्पादों जैसे प्रोसेस्ड फूड का सेवन बढ़ रहा है....