नई दिल्ली. मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (MoFAH&D) ने मत्स्य पालन क्षेत्र में इनावेशन और विकास को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करेगी. सरकार की ओर से मछली पालन को बढ़ावा देने के मकसद से कई अहम काम किए जाएंगे. दरअसल, पिछले दिनों हैदराबाद, तेलंगाना में मत्स्य पालन स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2.0 के आयोजन में केंद्रीय मंत्री, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राजीव रंजन सिंह ने तमाम लोगों की मौजूदगी में ऐलान किया था कि 33.46 करोड़ रुपए से 8 मत्स्य पालन स्टार्टअप को PMMSY के तहत मंजूरी दी गई है.
कार्यक्रम के दौरान, माननीय केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने पीएम-एमकेएसएसवाई के तहत विकसित राष्ट्रीय मत्स्य डिजिटल प्लेटफॉर्म (एनएफडीपी) मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किया था. अब गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध यह ऐप स्टार्टअप्स को विभिन्न मॉड्यूल और योजना लाभों तक पहुँचने के लिए एक सहज इंटरफेस देता है.
इन लोगों को मिलेगी आर्थिक मदद
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने मत्स्य पालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 का भी अनावरण किया था. जिसमें मछली पालन और इससे जुड़े क्षेत्रों में तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए 1 करोड़ रुपए का निर्धारित कोष जारी किया है. दस विजेता स्टार्टअप को मछली पालन और जलीय कृषि में उत्पादन, दक्षता और स्थिरता बढ़ाने के लिए अभिनव समाधान विकसित करने के लिए वित्तीय मदद और इनक्यूबेशन सहायता देने की बात सरकार की ओर से कही गई है.
रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे
इस दौरान राजीव रंजन सिंह ने कहा था कि मछली पालन क्षेत्र के विकास और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए स्टार्टअप की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि स्टार्टअप विशेष रूप से युवाओं के लिए रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए भारत सरकार हर संभव तरीके से स्टार्टअप का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध और तत्पर है. इस अवसर पर उन्होंने स्टार्टअप्स से आगे आकर निर्यात बढ़ाने के लिए मूल्य संवर्धन, नई टेक्नोलॉजी समाधान, टूना क्षमता का दोहन करने के लिए अंडमान और निकोबार (एएंडएन) और लक्षद्वीप के द्वीप विकास, ऑनबोर्ड प्रोसेसिंग यूनिटों के साथ उच्च समुद्र और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए जहाजों के आदि के क्षेत्र में योगदान देने की बात कही.
योजनाओं का फायदा उठाने की अपील की
केंद्रीय मंत्री ने स्टार्टअप्स को मत्स्य पालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया. जिसका उद्देश्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और इस क्षेत्र में तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देना है. उन्होंने उनसे अपने विकास और विकास का समर्थन करने के लिए मत्स्य पालन अवसंरचना विकास कोष (एफआईडीएफ) और प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (पीएम-एमकेएसएसवाई) जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का भी आग्रह किया.
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