नई दिल्ली. देशभर में दूध में मिलावट एक गंभीर मामला है. हर दिन मिलावटी दूध के धंधे से करोड़ों लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. हालांकि मिलावट कहीं न कहीं दूध का कम दाम मिलने से भी हो रही है. हालांकि सरकार अब इसपर और सख्त होती नजर आ रही है. केंद्र सरकार ने दूध में मिलावट को रोकने के लिए और दूध का सही दाम दिलाने के लिए एनपीडीडी को एक हजार करोड़ रुपए दिए हैं. इन रुपयों से एनपीडीडी अब दूध को लेकर ये दोनों अहम काम करेगा. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) को मंजूरी दे दी है.
एनपीडीडी एक केंद्रीय क्षेत्र योजना है, जिसे एक हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं. जिससे 15वें वित्त आयोग चक्र (2021-22 से 2025-26) की अवधि के लिए कुल बजट 2790 करोड़ रुपये हो गया है. यह पहला डेयरी बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और विस्तार पर केंद्रित है, जिससे इस क्षेत्र की निरंतर ग्रोथ और उत्पादकता सुनिश्चित होती है.
बढ़ेगी किसानों की आय
संशोधित एनपीडीडी दूध खरीद, प्रोसेसिंग क्षमता और बेहतर क्वालिटी कंट्रोल सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण करके डेयरी क्षेत्र को गति देने का काम होगा. इसका उद्देश्य किसानों को बाजारों तक बेहतर पहुंच प्राप्त करने, वैल्यू एडेड के माध्यम से बेहतर मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करने और आपूर्ति श्रृंखला की क्षमता में सुधार करने में मदद करना है, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी और ग्रामीणों का विकास होगा.
जानें क्या फायदे होंगे
इस योजना के तहत आवश्यक डेयरी बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए समर्पित है, जैसे कि दूध ठंडा करने वाले प्लांट, उन्नत दूध परीक्षण लैब और प्रमाणन प्रणाली. इससे नई ग्राम डेयरी सहकारी समितियों का गठन भी किया जाएगा. उत्तर पूर्वी क्षेत्र (NER), पहाड़ी क्षेत्रों और केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) में दूध की खरीद और प्रोसेसिंग को मजबूती मिलेगीत्र खासतौर पर दूरदराज और पिछड़े क्षेत्रों में, साथ ही समर्पित अनुदान सहायता के साथ 2 दूध उत्पादक कंपनियों (MPC) का गठन किया जाएगा.
नौ राज्यों में ये काम होंगे
वहीं इससे “सहकारिता के माध्यम से डेयरी (DTC)” के रूप में जाना जाता है, समझौतों के अनुसार जापान सरकार और जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) के साथ सहयोग के माध्यम से डेयरी विकास को बढ़ावा देना जारी रखा जाएगा. देश के नौ राज्यों (आंध्र प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल) में डेयरी सहकारी समितियों के विकास, उत्पादन, प्रोसेसिंग और बिक्री के बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाएगा.
लाखों किसानों को मिला है फायदा
एनपीडीडी से 18.74 लाख से अधिक किसानों को लाभ पहुंचा है और 30 हजार से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुए हैं वहीं दूध खरीद क्षमता में प्रतिदिन 100.95 लाख लीटर की वृद्धि हुई है. एनपीडीडी ने बेहतर दूध परीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए अत्याधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने में भी सहायता की है. 51 हजार 777 से अधिक ग्राम-स्तरीय दूध परीक्षण प्रयोगशालाओं को सुदृढ़ किया गया है, जबकि 123.33 लाख लीटर की संयुक्त क्षमता वाले 5,123 बल्क मिल्क कूलर स्थापित किए गए हैं. इसके अलावा, 169 प्रयोगशालाओं को फूरियर ट्रांसफॉर्म इंफ्रारेड (एफटीआईआर) दूध विश्लेषकों के साथ उन्नत किया गया है, और 232 डेयरी संयंत्रों में अब मिलावट का पता लगाने के लिए उन्नत प्रणालियां हैं.
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