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Animal Husbandry: इस राज्य में गोवंश विहार के लिए फ्री में जमीन, पीपीपी मॉडल से खोल सकेंगे गोशाला

करीब 8 लाख से अधिक निराश्रित गोवंशों की देखरेख अच्छे से हो सकेगी. यह निराश्रित गोवंश सड़कों पर हादसों का कारण बनते थे. लोगों को इसे काफी नुकसान हो रहा था.
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. खेतों में खड़ी फसल को गोवंश नुकसान पहुंचा देते हैं. बड़ी संख्या में निराश्रित गोवंश किसानों के लिए मुसीबत साबित होते हैं. खेतों में खड़ी फसल को सफाचट करने के साथ-साथ सड़कों पर घूमते हुए राहगीरों पर हमला कर उनकी जान के लिए खतरा बन जाते है. किसान अपनी फसल को इनसे बचाने के लिए खेतों पर रुककर रात में खेतों की चौकीदारी तक करनी पड़ती है. जो किसान समृद्ध हैं, वे कंटीले तारों की बाड़ या फिर झटका मशीन के माध्यम से खेतों की रखवाली कर पाते हैं. कुछ किसान ऐसे होते हैं कि घर की प्रयोग में न आने वाली साड़ियों को भी खेत के चारों ओर बांधकर रखवाली करते हैं. अब एमपी में स्वावलंबी गौशाला स्थापना नीति 2025 को मंजूरी मिल गई है, जिससे निराश्रित गोवंश की देखरेख हो सकेगी और किसानों को परेशानी नहीं होगी.

बेसहारा गोवंश हाईवे से लेकर शहरों और गांवों की गलियों में घूमते हैं. यहां तक कि किसानों की फसलें खाकर उन्हें बर्बाद कर देते हैं. काफी बार सड़कों पर इन गोवंशों से बड़े हादसे हो जाते हैं, जिनमें जनहानि भी हो जाती है. अब मध्य प्रदेश में ऐसे गोवंश के लिए सरकार ने कदम उठाए हैं. आइये जानते हैं कि क्या है स्वावलंबी गौशाला स्थापना नीति. इसके माध्यम से निराश्रित गोवंशों को ठिकाना दिया जाएगा और उसे लिए सरकार लोगों को जमीन भी उपलब्ध कराएगी. इस योजना में सरकार की तरफ से काफी सहूलियतें भी दी जाएंगी.

गोवंशों को मिलेगा आसाराः मध्य प्रदेश में निराश्रित घूम रहे गोवंशों को आप ठिकाना मिलेगा, उनके अच्छे से देखरेख हो सकेगी. सरकार लगातार निराश्रित गोवंशों की देखरेख पर काम कर रही थी. अब केंद्र सरकार ने स्वावलंबी गौशाला स्थापना नीति 2025 को मंजूरी दे दी. इसके बाद मध्य प्रदेश में करीब 8 लाख से अधिक निराश्रित गोवंशों की देखरेख अच्छे से हो सकेगी. यह निराश्रित गोवंश सड़कों पर हादसों का कारण बनते थे. लोगों को इसे काफी नुकसान हो रहा था.

पीपीपी मॉडल से गौशाला: लोगों को होने वाले नुकसान को कम करने में के लिए सरकार के प्रयास अब काम आएंगे. पीपीपी मॉडल से गौशाला की तर्ज पर गोवंश विहार खोले जाएंगे. इस नीति में 1रुपये की दर से निजी निवेशकों को जमीन दी जाएगी. जमीनें पंचायत में मिलेंगी. सरकार इसका अनुदान देगी. इन गोशालााओं के लिए सरकार द्वारा बिजली कम दर पर उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं यहां रखे जाने वाली गाय को प्रतिदिन गाय के हिसाब से 40 रुपये भी दिए जाएंगे.

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