नई दिल्ली. एक्वेरियम की वजह से जहां घर की सुंदरता बढ़ती है, वहीं इसके साथ ही बच्चों व बड़ों के साथ फुदकती हुई रंग-बिरंगी मछलियां ताजगी का अहसास कराती है. घर की सुंदरता बनाए रखने पर आजकल लोग विशेष ध्यान देते हैं. पहले जहां केवल रेस्टारेंट, अस्पतालों और दफ्तरों में ही फिश एक्वेरियम रहते थे. आजकल घरों में भी फिश एक्वेरियम रखने का चलन बढ़ा है. लोग अपने घर के इंटीरियर से मैच करते हुए एक्वेरियम लगाकर लिविंग रूम, हाल, बेडरूम, डाइनिंग हाल को मेंटेन कर रहे हैं. घरों में रखने वाले इन एक्वेरियम में सिंगल फिश एक्वेरियम की मांग ज्यादा है. साथ ही उसका बाक्स व कलर इस तरह डलवाया जाता है कि वह समुद्र का आभास हो. रंगीन मछलियां घर हो या आफिस दोनों जगहों को और सुंदर बनाती हैं. कई लोग रंगीन मछलियों को भाग्य से जोड़कर भी देखते हैं.
लोग अपने एक्वेरियम में नौ गोल्ड फिश सेट जरूर रखते है. इनमें आठ मछलियां सुनहरी और एक काली होती है. इन्हें नौ ग्रहों के प्रतीक के तौर पर रखा जाता है. मान्यता है कि किसी भी खतरे या विपत्ति को ये मछलियां अपने ऊपर ले लेती है. इसके साथ ही अब लोग आर्टिफिशियल प्लांट नहीं बल्कि ओरिजनल प्लांट की डिमांड कर रहे है. इन्हें एक्वेरियम के निचले हिस्से में लगाया जाता है.
अब फाइवर ग्लास के भी आते हैं एक्वेरियम: पहले ट्रेडिशनल कांच के एक्वेरियम बनते थे, लेकिन अब लोग एक्रेलिक फाइबर ग्लास के मोल्डेड एक्वेरियम पसंद कर रहे है. इससे एक्वेरियम मजूबत रहता है. इन्हें आसानी से एक जगह से दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जा सकता है. अगर आप घर या दफ्तर में एक्वेरियम रखने के शौकीन हैं तो मछलियों के खाने और तापमान का विशेष ख्याल रखना जरूरी है. सुबह शाम और दिन में न्यूट्रेन के दाने दिए जाते है, साथ ही पानी की शुद्धता भी हमेशा जांचनी चाहिए. पानी फिल्टर नहीं होने पर गंदगी से मछली मर भी सकती है.
वास्तु से भी जुड़ा है एक्वेरियम: फिश एक्वेरियम वास्तु के हिसाब से भी रखा जाता है. घरों में नार्थ ईस्ट या नार्थ वेस्ट में रखा जाना चाहिए. इसके साथ ही दफ्तरों में या पब्लिक प्लेस के बाहर रखा जाना चाहिए. एक्वेरियम में मछलियों को लेकर ऐसा भी माना जाता है कि जो बला आपके ऊपर आने वाली होती है, वह मछली के ऊपर आ जाती है. घरों में एक्वेरियम होने से घर के अंदर की निगेटिविटी खत्म हो जाती है. एक सकारात्मक ऊर्जा जन्म लेती है.
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