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Fisheries: स्मार्ट तरीके से करें मछली पालन, 5 गुना बढ़ जाएगा मुनाफा

तालाब में खाद का अच्छे उपयोग के लिए लगभग एक सप्ताह के पहले 250 से 300 ग्राम प्रति हेक्टेयर बिना बुझा चूना डालने की सलाह एक्सपर्ट देते हैं.
तालाब में मछली निकालते मछली पालक

नई दिल्ली. मछली पालक भाइयों जरा सोचिए कि आप सिर्फ एक मछली को दाना दें और उस तालाब में पल रही रोहू, ग्रास कार्प, अमूल कार्प और मृगल जैसी मछलियां अपने आप बड़ी होती चली जाएं तो इससे बढ़िया और क्या हो सकता है. यह कोई सपना नहीं बल्कि स्मार्ट और प्रैक्टिकल फार्मूला है. जो इस वक्त कई समझदार किसान अपना कर अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं और मछली पालन में दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की कर रहे हैं. अगर आप भी इसी तरह से कमाई करना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए है. आइए इस बारे में डिटेल से जानते हैं.

बता दें कि कुछ ऐसी प्रजाति की मछलियां हैं जो सीधे दाना खाती हैं. बल्कि बाकी दूसरी मछलियां जैसे, रोहू, मृगल सीधे दाना खाने वाली मछलियों के बचे हुए दाने के कण को खाती हैं. वहीं मल और जलकुंभी जैसी प्राकृतिक चीजों से अपनी ग्रोथ हासिल करती हैं. इससे मछली पालकों को फायदा होता है.

बिना चारे पर ही पल जाती हैं मछलियां
फिश एक्सपर्ट का कहना है कि यानी आप सिर्फ एक मछली को टारगेट करके उन्हें फीड खिलाते हैं लेकिन और जबकि चारों अन्य प्रजातियों की मछलियां भी फ्री में ग्रोथ कर रही होती हैं. इससे आपका मुनाफा कई गुना बढ़ जाता है. क्योंकि इससे न सिर्फ चारे की बचत होती है. बल्कि लेबर, बिजली और मेहनत का खर्च भी कम हो जाता है. यहां जो तरीका हम आपको बता रहे हैं. यह खास तौर पर उन किसानों के लिए है जो कम खर्चे में ज्यादा प्रोडक्शन और ज्यादा मुनाफा चाहते हैं.

बहुत कम होता है रिस्क
आपको बता दें कि इस फार्मूले की खासियत यह भी है कि इसमें रिस्क भी बहुत कम होता है. क्योंकि अगर पंगेसियस की मार्केट कमजोर भी हो जाए तब भी रोहू और मृगल जैसी मछलियों की डिमांड हमेशा मार्केट बनी रहती है. यानी आपकी कमाई का रास्ता कभी बंद नहीं होता है. आपकी हर तरह से कमाई ही होती है. इसके अलावा तालाब की सफाई और ऑक्सीजन लेवल को थोड़ा सा ध्यान रखेंगे तो ग्रास कार्प अमूल कार्प भी तेजी के साथ ग्रोथ करेंगी और आपको कमाई कराएंगी.

5 गुना मिलेगा रिर्टन
ऐसे में एक ही सीजन में कई मछलियों को पालकर आप 5 गुना रिटर्न हासिल कर सकते हैं. जबकि अच्छी बात यह है कि इसके लिए आपको ज्यादा खर्च करने की जरूरत भी नहीं पड़ती है. फिश एक्सपर्ट इसे स्मार्ट फिश फार्मिंग कहते हैं. जिससे कम लागत में ज्यादा कमाई की जा सकती है.

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