नई दिल्ली. मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत मत्स्य पालन विभाग द्वारा मध्य प्रदेश के इंदौर में केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय तथा पंचायती राज मंत्रालय राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की अध्यक्षता में “अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि सम्मेलन 2025” का आयोजन किया गया. जहां केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने मछली पालन क्षेत्र में अंतर्देशीय राज्यों द्वारा की गई प्रगति की तारीफ की और उत्पादन तथा उत्पादकता को और बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया. साथ ही उन्होंने इस क्षेत्र की प्रभावशाली औसत वार्षिक वृद्धि दर 9% को रेखांकित किया जो अन्य कृषि-संबद्ध क्षेत्रों में सबसे ज्यादा है और लगभग 3 करोड़ लोगों को आजीविका दे रही है.
सम्मेलन में मंत्री ने नीली क्रांति, मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष (एफआईडीएफ), प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, पीएम-मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना और किसान क्रेडिट कार्ड जैसी प्रमुख पहलों पर रोशनी डाली. जिससे बुनियादी ढांचे, आधुनिकीकरण और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए 38,572 करोड़ का निवेश किया है.
किसानों की आय होगी दोगुनी
मंत्री ललन सिंह ने कहा कि कहा कि इन प्रयासों ने भारत को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक बना दिया है. जहां अंतर्देशीय उत्पादन 2013-14 के मुकाबले 142 फीसद बढ़कर 125 लाख टन हो गया है. राज्यों से अनुरोध किया गया कि वे एफआईडीएफ का बेहतर उपयोग करें, आईसीएआर के साथ समन्वय में कार्यान्वयन कैलेंडर की योजना बनाएं और शीतजल मत्स्य पालन, सजावटी मत्स्य पालन और खारे जलीय कृषि का विस्तार करके निर्यात बढ़ाएं. केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि मत्स्य पालन किसानों की आय दोगुनी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. उन्होंने सभी हितधारकों के प्रयासों की प्रशंसा की और नियमित निगरानी, बेहतर उत्पादकता और प्रौद्योगिकी के अधिक उपयोग को प्राथमिकता के रूप में रेखांकित किया गया.
कोल्ड स्टोरेज समेत इन माध्यमों को मजबूत करने की कही बात
रोहू और कतला की खेती के लिए अमृत सरोवर की क्षमता पर उन्होंने जोर दिया. आपूर्ति और मांग के संतुलन को सुनिश्चित करने के लिए कोल्ड स्टोरेज, परिवहन और बाजार संपर्क को मजबूत करना आवश्यक माना गया. डिजिटल टूल, मूल्य संवर्धन और मछली पकड़ने के बाद की गतिविधियों में काम करने वाले 300 से अधिक मत्स्य पालन स्टार्ट-अप के लिए भी समर्थन को प्रोत्साहित किया गया. जॉर्ज कुरियन ने पोषण सुरक्षा, ग्रामीण समृद्धि और स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने में अंतर्देशीय मत्स्य पालन की परिवर्तनकारी क्षमता पर जोर दिया. मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, के सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी ने क्षेत्र की उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए आईसीएआर के सहयोग से गुणवत्तापूर्ण बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने और ब्रूड बैंक विकसित करने की जरूरत पर बल दिया.
इन बिंदुओं पर हुई चर्चा
इस सम्मेलन में प्रमुख क्षेत्रों जैसे जलीय कृषि के लिए उन्नत ब्रूड और बीज, जलाशय और आद्र भूमि मत्स्य पालन का विकास और पट्टा नीति, नदी मत्स्य पालन और लाइसेंसिंग तथा पट्टा नीति, आर्थिक समृद्धि के लिए अंतर्देशीय जलीय कृषि क्षमता और ठंडे पानी मत्स्य पालन के सतत विकास के लिए टेक्नोलॉजी हस्तक्षेप जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने वाले तकनीकी सत्र भी शामिल थे. विशेषज्ञ प्रेजेंटेशन और हितधारक चर्चाओं के माध्यम से आयोजित सत्रों का उद्देश्य एक स्थायी, समावेशी और उत्पादक तरीके से अंतर्देशीय मत्स्य पालन को आगे बढ़ाने के लिए व्यावहारिक रणनीतियों और क्षेत्र-विशिष्ट समाधानों की पहचान करना था.
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