Home मीट Meat: मीट कारोबार के लिए जरूरी है ट्रेनिंग और जागरुकता, जानें क्यों
मीट

Meat: मीट कारोबार के लिए जरूरी है ट्रेनिंग और जागरुकता, जानें क्यों

red meat and chicken meat
प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. देश में मीट खाने वालों की संख्या दिन ब दिन बढ़ रही है. एक आंकड़े के मुताबिक देश तकरीबीन 70 फीसद आबादी नॉनवे​जेटेरियन है. इसलिए मीट कारोबार के लिए कारोबारियों को ट्रेनिंग और ग्राहकों के लिए जागरुकता जरूरी है. केवीएएसयू की मांस प्रौद्योगिकी इकाई को मांस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता केंद्र (सीओईएमएसटी) के रूप में मान्यता दी जाएगी. सीओईएमएसटी, एएचडी, एमपीआई, बीडीएस और केएसपीडीसी के सहयोग से राज्य में सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों की देखरेख कर रहा है. ताकि लोगों को खाने के लिए अच्छी मीट मिल सके और उनकी सेहत में सुधार हो सके.

सेफ, टेस्टी और वैज्ञानिक तरीके से कटिंग तथा उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव के संबंध में क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा उपभोक्ता जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए.

रणनीतिक कार्य योजना
विस्तार गतिविधियों के लिए साहित्य, वीडियो और सामग्री सीओईएमएसटी द्वारा विकसित की जाएगी और अन्य एजेंसियों, एएचडी, एमपीआई, बीडीएस, केवीके और केएसपीडीसी के साथ साझा की जानी चाहिए.

मांसपेशियों को मांस में बदलने और ठंडे मांस के उपयोग के महत्व का व्यापक प्रचार किया जाना चाहिए.

कई जगह कोविड के बाद लोगों की आजीविका और अवसरों पर बेहद प्रभाव पड़ा है. जिनमें अनिवासी भारतीय भी शामिल हैं.

उनमें से कई लोगों ने पशुपालन, मांस उत्पादन और प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और मांस स्टॉल स्थापित करने में रुचि दिखाई है.

उन्हें एलएसजीडी, एएचडी, एमपीआई, बीडीएस, केवीके, केएसपीडीसी और अन्य सरकारी एजेंसियों के सक्रिय सहयोग से मांस क्षेत्र में उद्यमिता, ऋण सहायता और विपणन में कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए.

हितधारकों को मांस पशुपालन का प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकता है. जिससे सही तरह से मीट का उत्पादन हो और लोगों को टेस्टी मीट खाने को मिल सके.

निष्कर्ष
सरकार चाहती है कि लोगों को ऐसा मीट खाने के लिए मिले जिसके उत्पादन में वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल किया गया हो. अगर ऐसा किया जाता है तो लोगों की सेहत सही रहेगी. नहीं तो मीट फायदे की जगह नुकसान भी पहुंचा सकता है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

chicken meat
पोल्ट्रीमीट

Meat: चिकन के लिए कोल्ड स्टोरेज और स्लाटर हाउस बनाने पर फोकस कर रही है सरकार

यही वजह है कि केरल चिकन परियोजना, केरल राज्य कुक्कुट विकास निगम...

livestock animal news, meat processing
मीट

Meat Production: इस राज्य में मीट प्रोडक्शन के लिए सरकार बनाएगी सरहदों पर स्लाटर हाउस, पढ़ें वजह

राज्य सरकार सभी कस्बों और प्रमुख पंचायतों में FSSAI द्वारा पंजीकृत, स्वच्छ,...

मीट

Meat: मीट प्रोडक्शन में इन बातों का रखें ध्यान, इस राज्य ने की पहल

FSSAI के एक्सपर्ट के मुताबिक उप-उत्पादों की सफाई, निरीक्षण और खाद्य उप-उत्पादों...

livestock
मीट

Meat Production: स्लाटर हाउस में होनी चाहिए कौन सी सुविधाएं, पढ़ें FSSAI की गाइलाइंस

पशुओं का वध केवल प्रमाणित, लाइसेंस प्राप्त बूचड़खानों में ही किया जाना...