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Animal: भेड़-बकरियों में फैल रही है फुट रॉट बीमारी, इस तरह करें इलाज

goat farming sheep farming
प्रतीकात्मक फोटो:

नई दिल्ली. हरियाणा के हिसार में हाल ही में हुई ज्यादा बारिश और जलभराव के कारण भेड़-बकरियों में पैर सड़न यानी फुट रॉट रोग तेजी से फैल रहा है. ये बीमारी डाइक्लोबैक्टर नोडोसम और फ्यूसोबैक्टीरियम नेक्रोफोर नाम के बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है और एक पशु से दूसरे पशु में बहुत तेजी से फैल जाता है. ये चीज इस बीमारी और ज्यादा खतरनाक बनाती है. वहीं इसको लेकर लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) हिसार के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यदि समय पर रोकथाम और उपचार न किया गया तो यह रोग पशुपालकों के लिए भारी आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है.

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) को पशु चिकित्सकों का कहना है कि पशुओं के खुरों की नियमित सफाई सबसे जरूरी है. खुरों में डुबाना चाहिए. पशुओं के रहने का स्थान हमेशा सूखा और साफ होना चाहिए.

बचाव के लिए क्या करें
यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया है कि गीली व गंदी जगहों पर पशु न बांधे. विशेषज्ञों ने पशुपालकों को सलाह दी है कि जैसे ही पशु में पैर सड़न के लक्षण दिखाई दें, तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें.

समय पर उपचार करने से रोग पर नियंत्रण पाया जा सकता है और पशु की उत्पादकता बचाई जा सकती है.

इसके लिए 10 प्रतिशत जिंक सल्फेट, 4 प्रतिशत फॉर्मेलिन या 5-10 प्रतिशत नीला थोथा के घोल प्रभावित पशुओं में पैरों में सूजन, तेज दर्द, बदबूदार रिसाव और लंगड़ापन दिखाई देता है.

रोग बढ़ने पर पशु बैठा रहता है और चलने-फिरने में असमर्थ हो जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार इस रोग से दूध व ऊन उत्पादन में भारी गिरावट आ जाती है और पशुपालक की आय पर प्रतिकूल असर पड़ता है.

हिसार, भिवानी, जिंद और राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में यह रोग अधिक मात्रा में पाया गया है.

इन क्षेत्रों में करीब 1800 से 2000 पशु प्रभावित हो चुके हैं. विश्वविद्यालय की ओर से दवाइयां भी भेजी गई हैं.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

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