नई दिल्ली. जो किसान बकरी पालन करते हैं, उनकी यह इच्छा होती है कि उनकी बकरी ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्शन करे. यदि वह दूध प्रोडक्शन के लिए बकरी का पालन करते हैं तो उनका फायदा बहुत कुछ इसी उत्पादन पर ही निर्भर करता है. यहां बकरी पालक को यह समझना होगा कि बकरी का दूध उत्पादन तभी बढ़ेगा जब उनका चारा अच्छी क्वालिटी वाला और सही मात्रा में होगा. गर्भवती और दूध देने वाली बकरियों के चारे और दाने की मात्रा दूसरी आम बकरियों के मुकाबले ज्यादा होती है. यदि गर्भवती बकरी को दूध चारा खिलाने में कंजूसी हुई तो इसका असर उसके बच्चे और मिल्क प्रोडक्शन पर भी पड़ेगा. एक्सपर्ट कहते हैं कि दूसरी बकरियों के मुकाबले गर्भवती बकरियों को ज्यादा खुराक की जरूरत होती है.
ठीक से हजम होने वाला चारा दें
बकरी विशेषज्ञ कहते हैं कि बकरियां दूसरे बड़े जानवरों की तरह एक बार में पेट नहीं भरती है. वह थोड़ा-थोड़ा करके दिन में 4 से 5 बार में खाना खाना पसंद करती है और उसे बार-बार खाना चाहिए होता है. जबकि बकरियों का चारा भी तीन तरह का होता है. बकरियों को हरा चारा सूखा चारा और दान दिया जाता है. इसके साथ ही बकरी पलकों को इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि बकरी को जो चारा दे रहे हैं वह उन्हें ठीक से हजम हो रहा है या नहीं.
बढ़ा देना चाहिए दाना की मात्रा
केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मथुरा से रिटायर्ड हुए एएच तिवारी कहते हैं कि जब बकरी को गर्भवती कराना है तो उसके साथ बकरी की खुराक भी बढ़ा देना चाहिए. बकरी को हरा चारा और दाने की मात्रा ज्यादा देनी चाहिए. गर्भवती करने से दो हफ्ते पहले ही बकरी की सामान्य खुराक 3 किलो दाना प्रतिदिन में 100 से 200 ग्राम दाना और ज्यादा कर देना चाहिए. वहीं बकरी बच्चा देने वाली हो तो उसे एक दो हफ्ते पहले सामान्य खुराक में भी दाने की मात्रा 300 से 400 ग्राम तक बढ़ाने की आवश्यकता होती है. जबकि हमेशा इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि चारा उत्तम किस्म का हो.
ज्यादा खुराक की होती है जरूरत
एचए तिवारी कहते हैं कि दूध देने वाली बकरी को ज्यादा खुराक की आवश्यकता होती है. 1 लीटर दूध देने वाली बकरी को हर रोज 300 ग्राम तक दाना खिलाना ही चाहिए. दाना दिन में काम से कम दो बार देना चाहिए. साथ ही दिनभर में हरा और सूखा चारा मिलकर 4 किलो वजन तक खाने को देना चाहिए. सामान्य मौसम में 20 किलो वजन की बकरी को 700 एमएल तक पानी पिलाना चाहिए वहीं. गर्मी के मौसम यह मात्र डेढ़ गुना ज्यादा हो जानी चाहिए.
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