नई दिल्ली. पशुपालक भाई पशुपालन इस वजह से करते हैं कि उन्हें इससे फायदा मिलेगा और पशु जितना दूध का उत्पादन करते हैं, उसे बेचकर अच्छी कमाई करेंगे लेकिन कई बार पशुओं में कुछ दिक्कतें हो जाती हैं, जिनकी वजह से पशुपालन में नुकसान उठाना पड़ता है. मसलन, ऐसा कई बार होता है कि पशु हीट में नहीं आते हैं. उनके हीट में न आने की वजह से पशुपालकों को नुकसान होता है. जब तक गाय और भैंस हीट में नहीं आती, तब तक दूध का उत्पादन नहीं हो पता है. इसलिए पशुओं का हीट में लाना बेहद ही जरूरी होता है.
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि हीट में न आने की समस्या बीमारियों की वजह से होती है तो कई बार दूसरी वजहों से भी. इसलिए पशु के हीट में न आने को हल्के में नहीं लेना चाहिए और इसका तुरंत ही पशु चिकित्सक से मिलकर इलाज कराना चाहिए. आप चाहे तो कई देसी नुस्खे भी हैं, जिनका इस्तेमाल करके पशुओं को हीट में ला सकते हैं. इससे पशु हीट में आ जाएगा और फिर उसे क्रॉस या फिर एआई कराकर गाभिन कराया जा सकता है. जिससे पशु गर्भधारण कर लेगा.
15 दिन में हीट में आ जाएगा पशु
पशु को काला जीरा और गुड़ से हीट में लाया जा सकता है. इसके लिए आपको 100 ग्राम काला जीरा और 200 ग्राम गुड़ लेना है. गुड़ के अंदर थोड़ा सा पानी मिलाकर इसमें काला जीरा मिलाकर अच्छी तरह से उबाल लें. जब ये काढ़ा तैयार हो जाए तब इसे ठंडा कर लें और पशु को दे दें. जान लें कि काले जीरे का स्वाद थोड़ा कड़वा होता है, इसलिए इसमें गुड़ मिलाया जाता है और इसे दाना मिश्रण के साथ दिया जाता है. अगर आप सुबह के समय पशु को खाली पेट दाना मिश्रण के साथ इस काढ़े को दे देते हैं तो जल्दी अच्छा रिजल्ट मिलेगा. ध्यान रखें कि इस काढ़े को 15 दिन में सिर्फ एक बार ही पशु को देना है. अगर 15 दिन में पशु हीट में नहीं आता है तो 15 दिन के बाद एक बार फिर से इस काढ़े को दे सकते हैं. अच्छा रिजल्ट देखने को मिलेगा.
हीट में लाने के लिए ये काम भी करें
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गाय और भैंस को हीट में लाने के लिए गर्म तासीर वाला भोजन भी खिलाया जाता है. जैसे बाजरा, भूसी, खली, मसूर चूनी, अरहर और सरसों की खली सबसे कारगर होती है. फर्मेंटेड राइस का भी इस्तेमाल पशु को हीट में लाने के लिए किया जाता है. बिनौला भी खिलाना चाहिए, लेकिन बिनौला हमेशा ही उबालकर देना चाहिए. तभी इसका असर होगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आमतौर पर हर गाय—भैंस में ब्याने के 50 से 70 दिन के बाद नियमित रूप से मद चक्र शुरू होता है, जिसे हीट में आना कहा जाता है.
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