नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद के बाद कासगंज जिले के गंजडुंडवारा क्षेत्र की नगला भीकन स्थित गोशाला में हीटवेव के चलते दो दिन में सात गाय मर गईं. इसमें चिकित्सकों की लापरवाही सामने आ रही है. अगर गोवंश को समय रहते उपचार मिल जाता तो शायद उनकी जान बच सकती थी. मृत गोवंश का गोशाला में ही अंतिम संस्कार कर दिया. गोशाला में गोवंशों के मरने की खबर के बाद पशु चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने मौका मुआयना कर अधीनस्थों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
भीषण गर्मी ने पूरे जनजीवन को प्रभावित कर दिया है.लोगों से लेकर पशुओं तक परेशान हैं. लोग तो एसी, कूलर, पंखों में खुद को गर्मी से निजात दिला रहे हैं लेकिन पशुओं के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया है. ऐसे में उत्तर प्रदेश की कई गोशालाओं में गोवंश हीटवेव का शिकार हो रहे हैं. गोवंश बीमार होने के अलावा मर भी रहे हैं. एटा जिले में जलेसर की कान्हा गोशाला में गोवंश हीटवेव का शिकार हो रहे हैं. जबकि कई की हालता बेहद गंभीर है या फिर कहा जा सकता है कि मरणासन्न हालात में पहुंच गए हैं. वहीं गंजडुंडवारा क्षेत्र की नगला भीकन स्थित गोशाला में हीटवेव के चलते दो दिन में सात गाय मर गईं.बता दें कि विगत दिनों गर्मी के चलते फिरोजाबाद के टूंडला स्थित मदावली गोशाला में 10 गोवंशों ने बीमारी की हालत में दम तोड़ दिया,जिसके बाद डीएम ने कार्रवाई करते हुए कर्मचारियों को निलंबित भी कर दिया था.
दिनभर धूप में खड़े रहने की वजह से हो रहे हीटवेव का शिकार
क्षेत्र की नगला भीकन स्थित गोशाला में हीटवेव का शिकार हुए गोवंशों की मौत का सिलसिला थमा नहीं है. उपचार के बाद भी हीटवेव का शिकार गोवंश मरने लगे हैं. गुरुवार यानी छह जून-2024 को बीमार 15 गोवंश में से तीन की मौत के बाद शुक्रवार सात जून 2024 की देर रात भी चार गोवंश मर गए.दो दिन में 15 में से सात गोवंश की मौत होने के बाद पशु चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया. बता दें कि नगला भीकन की गोशाला में 267 गोवंश हैं. गत दिवस इनमें से कई गोवंश हीटवेव की चपेट में आ गए थे. उपचार के बाद भी हीटवेव का शिकार गोवंश मरने लगे. शनिवार को मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाक्टर विजयवीर गोशाला पहुंचे. उन्होंने गोशाला का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने बीमार गोवंशों को उपचार दिलाया. पशु चिकित्सा अधिकारी डाक्टर अरुण कुमार को आदेशित किया है कि बीमार गोवशों की देखभाल सही तरीके से की जाए. उन्हें शाम के समय गुड़ का घोल दें. सभी दवाएं समय से दी जाएं, जिससे उन्हें जल्द से जल्द आराम मिल सके.
तपती धूप में खड़े रहते सैंकड़ों गोवंश
नगला भीकन की गोशाला में जगह के सापेक्ष अधिक गोवंश हैं. इसकी वजह से सैंकड़ों गोवंश खुले आसमान के नीचे तपती धूप में दिनभर खड़े रहते हैं. इस समय तापमान 46 डिग्री सेल्सियस है. ऐसे में दिनभर धूप में रहने से गोवंश हीटवेव का शिकार हो रहे हैं. नगर पालिका की ओर से गोवंश के लिए कूलर आदि की व्यवस्था की जानी चाहिए.
जलेसरकी इस गोशाला में नहीं हैं गर्मी से बचाव के इंतजाम
यूपी के एटा जिले में जलेसर की कान्हा गोशाला में गोवंश हीटवेव का शिकार हो रहे हैं. इसके साथ ही पांच से छह गोवंश मरणसन्न अवस्था में अंतिम सांस ले रहे है.गोशाला में पौष्टिक आहार के रूप में देने के लिए हरा चारा नहीं. मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि जलेसर की कान्हा गोशाला में पशुओं के लिए हरा चारा और ठंडे पानी की उचित व्यवस्था नहीं है. गर्मी से बचाने के लिए गोवंशों को ठंडे पानी से नहलाया भी नहीं जा रहा है. कुछ कूलर पंखा लगे हैं, लेकिन वह बिजली के न आने के कारण बंद पड़े हैं. गोवंशों के बैठने वाले टीनशेड में काली पालीथिन लगा दी गई है, जिससे लू रुक नहीं रही है और काली होने से कारण गर्मी से घुटन हो रही है. नगर पालिका ईओ का गोशाला की ओर ध्यान नहीं है. इस संबंध में पालिका ईओ को कई बार रिमांडर भी भेजे गए हैं. गोशाला में पांच से छह गोवंश मरणासन्न पड़े है, जिनका जलेसर के डिप्टी सीवीओ डॉ. नीरज शुक्ला की देख रेख में इलाज चल रहा है.
टूंडला की गोशाला में भी कर गए गोवंश
भीषण गर्मी ने पूरे जनजीवन को प्रभावित कर दिया है.लोगों से लेकर पशुओं तक परेशान हैं. एक सप्ताह पहले ही उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद के टूंडला स्थित मदावली गोशाला में चिकित्सकों की लापरवाही के चलते 10 गोवंशों ने बीमारी की हालत में दम तोड़ दिया था. अगर गोवंश को समय रहते से उपचार मिल जाता तो शायद उनकी जान बच सकती थी. गोवंशों की मौत पर डीएम ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है और एनजीओ संचालक के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे, जिस पर कार्रवाई भी हुई.
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