नई दिल्ली. पशुपालन पर बारीकी से नजर रखने वाले एक्सपर्ट का कहना है कि पशुओं को बीमारियों से बचाया जाए तो इससे उत्पादन बेहतर होता है और इसका फायदा पशुपालकों को होता है. यही वजह है कि सरकार द्वारा पशुरोग महामारी की निगरानी तथा उसकी रोकथाम के लिए प्रदेश में होने वाली प्रमुख बीमारियों के सर्वे का कार्य किया जा रहा है. साल 1996-97 से अब तक 153 बीमारियों का सर्वे किया जा चुका है. वहीं भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रारूप पर रोग का सर्वे किया जा रहा है. यह कार्यक्रम भारत सरकार की नेशनल एनीमल डिजीज रिपोर्टिंग सिस्टम (100 प्रतिशत के०पो०) योजना के माध्यम से चलाया जा रहा है.
बता दें कि राष्ट्रीय महत्ता के कुछ प्रमुख बीमारियों जैसे टीबी, ब्रुसेलोसिस, पुलोरम डिजीज, स्वाइन फीवर, रैबीज और बोवाईन स्टर्लिटी इन्फर्टीलिटी एवं एबार्शन रोगों का नियंत्रण किया जाता है. इस बीमारी के नियंत्रण के लिए प्रदेश में निदेशालय स्तर पर पोल्ट्री रोग नियंत्रण प्रयोगाशाला तथा टीबी ब्रुसेलोसिस यूनिट स्थापित है. मौजूदा समय में 9 स्टर्लिटी इन्फर्टिलिटी एंव 10 कैनाईन रैबीज यूनिट एवं 2 पुलोरम डिजीज यूनिट, एक सूकर रोग निदान प्रयोगशाला स्थापित हैं.
इस साल से चल रहा है फ्री वैक्सीनेशन
वित्तीय वर्ष 2003-04 से वर्ष 2013-14 तक खुरपका मुँहपका, रोग नियंत्रण कार्यक्रम 17-जनपदों सम्प्रति 20-जनपदों में कुल 15-चरणों का टीकाकरण कार्यक्रम चलाया गया। भारत सरकार के निर्देशानुसार बारहवीं पंचवर्षीय योजना में खुरपका मुंहपका रोग नियंत्रण कार्यकम (एफएमडी) का विस्तारीकरण साल 2014-15 में किया गया. उत्तर प्रदेश के 75 जिलों ये कार्यक्रम चलाया गया. 16वें चरण के रूप में फ्री एफएमडी वैक्सीनेशन अभियान का कार्य किया गया है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में 25वें चरण के रूप में फ्री एफएमडी टीकाकरण अभियान दिनांक 7 अक्टूबर, 2019 से चलाया गया है. उक्त अभियान के पूर्ण होने के उपरान्त निर्धारित अवधि के गैप पर आगामी चरणों में एफएमडी टीकाकरण का नियमित अभियान राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) तहत चलाया जा रहा है. एफएमडी वैक्सीनेशन अभियान (एनएडीसीपी के तहत) चलाया जा रहा है.
ब्रुसेलोसिस बीमारी के लिए चल रहा है अभियान
पशुरोगों के नियंत्रण के तहत नेशनल कण्ट्रोल प्रोग्राम ऑन ब्रुसेलोसिस (एनसीपीबी) राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत वित्तीय पोषण से उत्तर प्रदेश में प्रजनन योग्य मादा पशुओं में गर्भाधान होने के उपरान्त होने वाले संक्रामक गर्भपात (ब्रुसेलोसिस) को नियंत्रित करने केे लिए विविध कार्यक्रम चलाये जाने की कार्य योजना वर्तमान में अप्रूव अनुमोदित है. वित्तीय वर्ष 2017-18 में भारत सरकार के निर्देशानुसार राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में अनुमोदित ब्रुसैल्लोसिस टीकाकरण कार्यक्रम के माध्यम् से प्रदेश में सम्प्रति ब्रुसैल्लोसिस टीकाकरण कार्यकम चलाया जा रहा है. साल 2019 आौर 20 से भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश में राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) के तहत ब्रुसैल्लोसिस वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है.
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