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Animal Husbandry: पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए पशुओं के सीड विलेज बनाएगा IVRI बरेली

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प्रसार परिषद की 25वीं बैठक में चर्चा करते वैज्ञानिक और अधिकारी

नई दिल्ली. भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान में प्रसार परिषद की 25वीं बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें प्रसार गतिविधियों की समीक्षा कर भविष्य में नई शिक्षा नीति तहत वोकेशनल तथा सार्टिफिकेट कोर्स का एक शैक्षणिक कलेंडर बनाने, प्रसार शिक्षा के विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों द्वारा इनका प्रचार-प्रसार और कृषक उत्पादक संगठन, पशुधन उत्पादकता को बढ़ाने के लिए सीड विलेज बनाने और इंटरफेस मीट, आयोजित करने पर चर्चा की गई.पशुधन उत्पादन को बढ़ाने के लिए पांच सीड विलेज विकसित किए जाएंगे, जिसमें बरेली में साहिवाल व रूहेलखण्ड बकरी का सीड, मुक्तेश्वर में चैगरखा बकरी सीड तथा पुणे, महाराष्ट्र में उस्मानाबादी प्रजाति बकरी सीड शामिल हैं. संस्थान द्वारा सूकर पालकों के लिए सूकर फार्मिंग पर एक चैट वाट का निमार्ण किया जाएगा.

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सहायक महानिदेशक कृषि शिक्षा डॉक्टर यू.के. गौतम ने आईवीआरआई, प्रसार शिक्षा द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की भूरि-भूरि प्रंशसा करते हुए कहा कि हमें विकसित तकनीकों तथा वैज्ञानिकों को ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों किसानों तक पहुंचाना होगा. किसानों की आय को दोगुना करने के लिए संबंधित डाटा एकत्र करने होंगे. किसानों को एक ही स्थान पर तकनीकियों की जानकारी प्रदान करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम विकसित करने की भी वकालत की. उन्होंने विकसित भारत बनाने में कृषि विज्ञान केन्द्रों की अहम भूमिका बताई.

किसानों एवं पशुपालकों के जीवन स्तर को सुधारने की कोशिश
संस्थान निदेशक डॉक्टर त्रिवेणी दत्त ने कहा कि अब आने वाले समय में हमें प्रसार शिक्षा को और मजबूत बनाना होगा. हमारे पास बहुत बड़ा प्रसार नेटवर्क है जिसमें 731 कृषि विज्ञान केन्द्र हैं जो कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग शोध संस्थान, (अटारी) द्वारा नियंत्रित होते हैं. इसके अतिरिक्त प्रगतिशाील किसानों का नेटवर्क है, जिसके माध्यम से हम संस्थान द्वारा विकसित तकनीकियों, नैदानिकों, पैकेज आफ प्रैक्टिस आदि को किसानों तक पहुंचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि संस्थान की कोशिश है कि प्रसार शिक्षा के माध्यम से और अधिक इंटरफेस मीट विभिन्न हितधारकों, उद्यमियो, एनजीओ के साथ किए जाएं, जिससे किसानों एवं पशुपालकों के जीवन स्तर को सुधारा जा सके.

शैक्षणिक कलेंडर बनाना होगा
संस्थान निदेशक डॉक्टर त्रिवेणी दत्त ने कहा कि हमें सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक प्रयोग करना होगा तथा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार चलाए जा रहे वोकेशनल तथा सार्टिफिकेट कोर्स का एक शैक्षणिक कलेंडर बनाना होगा और प्रसार शिक्षा के विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों द्वारा इनका प्रचार-प्रसार करना होगा. हमें पर किसान मेलों का आयोजन करना होगा और विभिन्न दूसरे संस्थानों द्वारा आयोजित किसानों में प्रतिभागिता कर अपनी तकनीकियों का प्रदर्शन करना होगा.
उन्होंने इस मौके पर भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही किसानों के लिए उपयोगी कार्यक्रमों का भी जिक्र किया.

आल इंडिया रेडियो के जरिए दो कृषि पाठशाला का होगा आयोजन
संस्थान के संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा डाक्टर रूपसी तिवारी ने वर्ष 2023-24 में प्रसार शिक्षा कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आगामी वर्ष में 16 इंडस्ट्री इंटरफेस मीट, आईसीएआर कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान तथा कृषि विज्ञान केन्द, राज्य पशुपालन विभागों और औद्योगिक घरानों के साथ आयोजित किए जाएंगे. इसके अलावा 62 वोकेशनल तथा सार्टिफिकेट कोर्स, आठ किसान मेला, किसानों के लिए उपयोगी साहित्य, 22 प्रर्दशनी आयोजित की जाएंगी. आल इंडिया रेडियो के माध्यम से 30 एपिसोड वाले दो कृषि पाठशाला का आयोजन किया जाएगा.

इन प्रदेशों में बनाए जाएंगे कृषक उत्पादक संगठन
पशुधन क्षेत्र में किसानों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए तीन कृषक उत्पादक संगठन महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश तथा बंगाल में बनाए जाएंगे. पशुधन उत्पादन को बढ़ाने के लिए पांच सीड विलेज विकसित किए जाएंगे, जिसमें बरेली में साहिवाल व रूहेलखण्ड बकरी का सीड, मुक्तेश्वर में चैगरखा बकरी सीड तथा पुणे, महाराष्ट्र में उस्मानाबादी प्रजाति बकरी सीड शामिल हैं. संस्थान द्वारा सूकर पालकों के लिए सूकर फार्मिंग पर एक चैट वाट का निमार्ण किया जाएगा. इसके अतिरिक्त संस्थान का यू-टयूब चैनल आईवीआरआई डीम्ड यूनिवसिर्टी एजुकेशनल चैनल है जहां पर संस्थान द्वारा किसानों एवं पशुपालकों के लिए छोटी-छोटी वीडियों बनाकर ज्ञानवर्धक जानकारी प्रदान की जाती है.

इन्होंने रखे अपने विचार
प्रसार शिक्षा के विभागाध्यक्ष डाक्टर हंस राम मीणा ने सभी सदस्यों का स्वागत एवं धन्यवाद करते हुए संस्थान के कार्यों की कार्य सूची प्रस्तुत और संस्थान में आयोजित 24वीं बैठक में लिए गए निर्णयों की प्रस्तुति की गई, जिसमें समिति के सभी सदस्यों द्वारा बिन्दुवार चर्चा की गई. कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग संस्थान, अटारी, कानपुर के निदेशक डाक्टर शान्तनु कुमार दुबे, संस्थान के संयुक्त निदेशक, कैडराड डाक्टर के.पी. सिंह, संयुक्त निदेशक, शोध डाक्टर एस.के. सिंह, संयुक्त निदेशक, शैक्षणिक डाक्टर एसके मेंदीरत्ता ने भी अपने विचार रखे.

कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद
कार्यक्रम का संचालन प्रसार शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष डाक्टर हंस राम मीणा द्वारा किया गया जबकि धन्यवाद डाक्टर श्रुति द्वारा दिया गया. इस अवसर पर संस्थान के परिसर के संयुक्त निदेशक एवं प्रभारी वर्चुवल रूप से कार्यक्रम में उपस्थित रहे. जबकि संस्थान के डाक्टर जी सांई कुमार, डाक्टर अमरपाल, डाक्टर मंडल, डाक्टर पी धर, डाक्टर मुकेश सिंह प्रसार शिक्षा समिति के सदस्य डाक्टर पी धर, डाक्टर अनुज चौहान, डाक्टर बबलू कुमार, डाक्टर चन्द्रकान्त जाना तथा पशुपालन विभाग, बरेली के सहायक निदेशक डाक्टर ललित कुमार वर्मा तथा संयुक्त निदेशक कृषि डाक्टर. राजेश कुमार ने भाग लिया.

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