नई दिल्ली. सरकारें पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही हैं. इसी कड़ी मध्य प्रदेश की सरकार ने भी एक बेहद ही अहम फैसला लिया है, जिससे राज्य के लोगों को काफी फायदा होगा. दरअसल, सरकार की ओर से फैसला लिया गया है कि ग्वालियर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में सत्र 2025-26 से डेयरी टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा कोर्स शुरू किया जाएगा. इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है. कहा जा रहा है कि यहां शुरू होने वाले डेयरी टेक्नोलॉजी डिप्लोमा में 50 सीटें होंगी. साथ ही प्रदेश की पहली आधुनिक गौशाला भी यहां बनाने की बात सरकार की ओर कही जा रही है. इसमें अंचल के छात्रों को डेयरी संचालन की ट्रेनिंग दी जाएगी.
बताते चलें कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय यह प्रस्ताव प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश के बाद तैयार कर रहा है. इसे कृषि विभाग 5 को भेजा जाएगा, मंजूरी मिलने के बाद नए सत्र से यह डिप्लोमा कोर्स शुरू हो जाएगा. विवि में ट्रेनिंग सेंटर छात्रों को पशुपालन प्रबंधन की ट्रेनिंग की शुरुआत करने से पहले संस्थान से किसी एक्सपर्ट को ट्रेनिंग के लिए राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) भेजने की योजना बना रहा है.
डेयरी में डिप्लोमा कोर्स शुरू होगा
अंचल के छात्रों को रोजगार मिले या वे स्टार्टअप शुरू कर सकें, इसके लिए डेयरी टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा कोर्स शुरू किया जाएगा. जहां पर यहां के छात्र डेयरी फार्मिंग की बारीकियां सीखेंगे. उन्हें इस बात की जानकारी मिलेगी कि कैसे कम लागत में ज्यादा उत्पादन लिया जा सकता है. जानवरों की बीमारियों से जुड़ी जानकारी समेत अन्य चीजें ट्रेनिंग कोर्स का हिस्सा होंगी. बता दें कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश की पहली आधुनिक गौशाला खोलने का भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. इस गौशाला में कई नस्ल की गाय रखी जाएंगी, सीड ब्रीडर सेंटर भी बनाया जाएगा. गौशाला में आधुनिक मशीनों का उपयोग ज्यादा किया जाएगा.
गौशाला में होंगी इन नस्लों की गायें
प्रो. अरविंद कुमार शुक्ला ने बतायसा कि ग्वालियर पारंपरिक कॉलेज में डेयरी फार्मिंग विषय चल रहा है, पर यहां छात्रों की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग नहीं हो रही. कृषि विवि में ट्रेनिंग सेंटर शुरू होने के बाद पशुपालन प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जाएगी, छात्रों को इसका लाभ मिलेगा. गौशाला में गिर, शाहीवाल, धारपारकर, केनकथा नस्ल की गायों को गौशाला में रखा जाएगा. कहा ये भी जा रहा है कि गौशाला बनने से राज्य में बेसहारा पशुओं की संख्या में और कमी आएगी. क्योंकि यहां पर गौवंश को रखा जा सकेगा. जबकि गायों के बारे में ट्रेनिंग में छात्रों को सीखने को बहुत कुछ मिलेगा.
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