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Animal News: गर्मी में हांफने लगते हैं पशु, इन पांच जड़ी-बूटियों का पाउडर बनाकर खिलाने से समस्या होगी दूर

अप्रैल महीने में भैंसे हीट में आती हैं और यह मौसम उनके गर्भाधान के लिए सही है. लेकिन इस बार अप्रैल के महीने में गर्मी अधिक है. ऐसे में गर्भाधान में प्रॉब्लम आ सकती है.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. गर्मी में अक्सर पशुपालक भाइयों की यह शिकायत होती है कि उनका पशु हाफ रहा है और इससे भी उत्पादन भी कम हो रहा है. क्योंकि पशु के हाफने की वजह से उसे कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं. हालांकि आपके साथ भी यह परेशानी आ रही है या नहीं आई है तो भी आप जान लें कि इस तरह की दिक्कत आने पर क्या किया जाए. यहां हम आपको पांच जड़ी बूटियों से तैयार एक पाउडर के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसे हर दिन 200 ग्राम सेवन कराकर आप पशुओं की समस्या को दूर कर सकते हैं. अगर पशुओं में हाफने की समस्या है और उसका दूध उत्पादन कम हो रहा है तो इससे कुछ दिनों में दिक्कत दूर हो जाएगी.

एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि कई बार गर्मी में पशु हाफने की वजह से खाना पीना भी कम कर देते हैं. जिसकी वजह से दूध उत्पादन पर असर पड़ता है. पशुओं की एनर्जी डाउन रहती है और उनके आगे कुछ भी रख दिया जाए वह खाने पीने से पहरेज करते हैं. इसलिए जिस खास पाउडर को हम आपको आगे बताने जा रहे हैं उसे पशुओं को 100 ग्राम सुबह 100 ग्राम शाम में खिलाते हैं तो जल्दी समस्या से निजात मिल जाएगी.

इन जड़ी-बूटियों का करें इस्तेमाल
जिन पांच जड़ी बूटियां का इस्तेमाल करके पाउडर बनाना है, उसमें आंवला, बेलगिरी, शीतल चीनी, गोंद कतीरा और नौसादर को शामिल करना है. इन सभी चीजों को अच्छी तरह से मिक्स करके मिक्सर ग्राइंडर या किसी अन्य चीज में पाउडर बना लेना है. पाउडर जब बना लें तो इसको 100 ग्राम सुबह और 100 ग्राम शाम में पशुओं को देना शुरू कर दें. कुछ ही दिनों में इसका असर दिखने लगेगा. पशु के हाफने की समस्या दूर हो जाएगी. अगर पशु दूध का उत्पादन कम कर रहा है तो दूध उत्पादन में बढ़ा देगा. वहीं अगर पशु खाने पीने में सुस्ती दिख रहा है तो वह खाना पीना भी जल्दी से शुरू कर देगा और उसकी सारी समस्याएं दूर हो जाएगी.

जड़ी-बूटियों के फायदे यहां पढ़ें
पशु को अगर आप आंवला खिलाते हैं तो दूध की मात्रा में सुधार होता है. थनैला रोग से बचाव होता है और पाचन शक्ति मजबूत होती है. पशुओं को बेलगिरी खिलाने से उनकी पाचन शक्ति में सुधार होता है. खून साफ होता है और गर्मी के प्रभाव से बचाव होता है. पशुओं को शीतल चीनी जिसे कबाब चीनी भी कहते हैं खिलाने से उनकी पाचन शक्ति मजबूत होती है. पेट के कीड़े दूर हो जाते हैं. भूख बढ़ाता है. पशुओं को अगर गोंद कतीरा खिलाते हैं तो इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. हड्डियां मजबूत होती हैं. इसमें प्रोटीन और फोलिक एसिड होता है. वहीं नौसादर से दूध उत्पादन बढ़ता है. ये पथरी की समस्या को दूर करता है. फास्फोरस का संतुलन बनाए रखता है.

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