नई दिल्ली. वैसे तो भारत एक कृषि प्रधान देश है. हालांकि यहां अब छोटे और सीमांत किसान खेती के साथ-साथ मुर्गी और बत्तख पालन भी करते हैं. इसके चलते मांस और अंडा बेचकर किसानों की अच्छी कमाई हो जाती है. खास बात ये है कि अलग-अलग राज्यों में सरकार की ओर से मुर्गी और बत्तख पालन शुरू करने के लिए सब्सिडी और लोन भी दिया जाता है. वहीं अब गांव में छोटे किसानों के बीच तीतर पालन का चलन भी तेजी के साथ बढ़ता चला जा रहा है. क्योंकि ग्रामीण इलाकों में तीतर के मीट और इसके अंडे की भी मांग काफी ज्यादा बढ़ गई है. इसके चलते तीतर पालन करने वाले किसानों की अच्छी कमाई हो रही है.
पोल्ट्री एक्सपर्ट का मानना है कि तीतर पालन में बत्तख और मुर्गी पालन के मुताबिक ज्यादा मुनाफा मिलता है. इसके पालन में कम खर्च आता है. अगर किसान भाई तीतर का पालन शुरू करते हैं तो उन्हें इसके लिए लाइसेंस लेने की जरूरत होती है. लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं. बताते चलें कि तीतर एक जंगली पक्षी है और इसके अंधाधुंध से शिकार की वजह से गांव से लेकर जंगलों तक में तीतर विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गया है. ऐसे में तीतर खाने के शौकीन तीतर पालन करने वाले तीतर के अंडे और मांस खरीदते हैं.
कैसे करें तीतर पालन, जानें यहां
तीतर को गांव में बटेर के नाम से जाना जाता है. खास बात यह है कि तीतर पालन शुरू करने में बहुत ज्यादा बजट की जरूरत भी नहीं पड़ती है. किसान भाई चाहे तो घर के अंदर कुछ हजार रुपए में ही तीतर पालन का काम शुरू कर सकते हैं.
एक मादा तीतर साल में 300 के करीब अंडे देती है. अगर किसान 10 तीतर से अपना बिजनेस शुरू करें तो साल में तीन हजार अंडे मिल जाएंगे और उससे अच्छी कमाई कर सकते हैं.
तीतर पालन के फायदे की बात की जाए तो इसका मांस और अंडे दोनों डिमांडेड होते हैं. तीतर के अंडे में उच्च प्रोटीन होता है इसका स्वाद भी बेहतरीन होता है.
तीतर पालन से दोनों चीज आसानी से हासिल की जा सकती है जो बाजार में बिकती है. तीतर पालन में निवेश कम होता है और मुनाफा ज्यादा होता है.
तीतर जल्दी बढ़ते हैं और उनकी देखभाल भी ज्यादा मुश्किल नहीं होती है. एक छोटे निवेश से आप ज्यादा कमाई कर सकते हैं.
तीतर के मांस की मांग बाजार में मांग बढ़ रही है. इसका पालन करने वाले किसान इन उत्पादों को बेचकर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.
तीतर के मांस में उच्च प्रोटीन, विटामिन और खनिज होता है, जो इंसानों की शारीरिक हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है. इसके कारण तीतर पालन एक लाभकारी और स्वास्थ्यवर्धक व्यवसाय बन गया है.
जो किसान कम निवेश में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं. वो तीतर पालन कर सकते हैं. इसके लिए जरूरी है तीतर की सही नस्ल का चयन किया जाए.
तीतर का पालन सही तरीके से किया जाए उसको उचित पोषण दिया जाए और देखभाल की जाए ऐसे इसकी उत्पादकता बढ़ती है.
तीतर पालन ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराता है. यदि तीतर पालन सही तरीके से किया जाए तो यह किसानों के लिए एक फायदेमंद हो सकता है.
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