Home पोल्ट्री Poultry Farming: ब्रॉयलर, लेयर और देसी मुर्गियों में क्या होता है फर्क, 21 प्वाइंट्स में जानें इनके बारे में
पोल्ट्री

Poultry Farming: ब्रॉयलर, लेयर और देसी मुर्गियों में क्या होता है फर्क, 21 प्वाइंट्स में जानें इनके बारे में

poultry
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मुर्गी पालन भी पोल्ट्री फार्मिंग के तहत आता है. मुर्गी पालन में तीन तरह की मुर्गियों को पाला जाता है. जिससे पोल्ट्री फार्मर को अच्छी खासी कमाई होती है. इसमें ब्रॉयलर, लेयर और देसी मुर्गियां शामिल हैं. ब्रॉयलर मुर्गियां मीट उत्पादन के लिए पाली जाती हैं. जबकि लेयर मुर्गियां अंडे के उत्पादन के लिए पाली जाती हैं. हालांकि जब ये अंडे देना बंद कर देती हैं तो इनका मीट भी खाने के इस्तेमाल में लिया जाता है. जबकि इनका मीट सस्ता भी बिकता है. वहीं देसी मुर्गियों को अंडे और मीट दोनों के लिए पाला जाता है. इससे अच्छी खासी कमाई होती है. बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग में अक्सर देसी मुर्गियों को पालकर पोल्ट्री फार्मर मुनाफा कमाते हैं.

पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि ब्रॉयलर, लेयर और देसी मुर्गियों में कुछ फर्क होता है. जिसे जानना एक नए पोल्ट्री फार्मर के लिए जरूरी है. अगर आप भी फार्मिंग का काम शुरू करना चाह रहे हैं तो यह जानकारी आपके लिए अहम हो सकती है. आईए जानते हैं, ब्रॉयलर, लेयर और देसी मुर्गियों के बारे में.

ब्रॉयलर मुर्गियों के बारे में जानें यहां

  1. इनकी शारीरिक ग्रोथ ज्यादा होती है.
  2. एक से डेढ़ माह में लगभग 1.5 किलो वजन हो जाता है.
  3. मांस के लिये पाला जाता है.
  4. ग्रामीण परिवेश में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है.
  5. सफेद रंग के होते हैं.
  6. 24 घंटे मुर्गी घर में रखकर दाना-पानी वहीं उपलब्ध कराया जाता है.
  7. बाजार की कीमत 80 से 90 प्रति किलो होता है.

लेयर मुर्गियों के बारे में जानें यहां

  1. अंडों का उत्पादन ज्यादा होता है और शारीरिक ग्रोथ कम होती है.
  2. लगभग 280 से 300 अंडे प्रति मुर्गी हर साल उत्पादन होता है.
  3. इन अंडों के लिये पाला जाता है.
  4. ग्रामीण परिवेश में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है.
  5. सफेद एवं रंगीन दोनों पाली जाती हैं.
  6. मुर्गी घर में 24 घंटे रखक एवं पूरा दाना-पानी वहीं उपलब्ध कराया जाता है.
  7. बाजार में अंडों की कीमत कीमत 6 से 8 रुपये रहती है.

देसी मुर्गियां

  1. अंडों का कम उत्पादन करती हैं. शारीरिक वृद्धि दर कम होती है.
  2. लगभग 30 से 40 अंडे प्रतिवर्ष तथा 6 से 8 माह में एक किलो शरीर भार होता है.
  3. मांस एवं अंडों के लिये पाला जाता है. ज्यादा पौष्टिक और टेस्टी होता है इनका मीट.
  4. ग्रामीण परिवेश में रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती है.
  5. अधिकतर रंगीन होते हैं.
  6. आंगन एवं घर के आस-पास खुले स्थान में पाली जाती हैं. अपना दाना-पानी स्वय जुटाती है.
  7. बाजार 12 से 15 रुपये प्रति अंडा बिकता है. मीट 120 से 130 प्रति किलो बिकता है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

layer hen breeds
पोल्ट्री

Poultry Farm: पोल्ट्री फार्म के फर्श पर क्या बिछाना चाहिए, लड़की का बुरादा या रेत, जानें यहां

फंगस होने से मुर्गियों को बीमारियां लग सकती हैं और पोल्ट्री फार्मिंग...

egg
पोल्ट्री

Poultry: सालाना एक व्यक्ति के हिस्से में कितने आते हैं अंडे, जानें यहां

नई दिल्ली. न्यूट्रिशन एक्सपर्ट मानते हैं कि अंडा प्रोटीन का सबसे सस्ता...

poultry farming
पोल्ट्री

Poultry: इन 6 कामों को करेंगे तो मुर्गियों से मिलेंगे हैल्दी चूजे, पढ़ें यहां

अंडों की रोशनी के सामने रखकर इसका परीक्षण किया जाता है. अंडे...