नई दिल्ली. मुर्गी पालन कम लागत में किए जाने वाला एक अच्छा व्यवसाय है. आप चाहें तो 50 हजार रुपये से भी मुर्गी पालन का काम शुरू कर सकते हैं. जबकि बड़े पैमाने पर मुर्गी पालन करने के लिए 7 लाख रुपये तक इंवेस्ट करना होता है. ये आप पर निर्भर करता है कि पोल्ट्री फार्मिंग में कितनी लागत लगाना चाहते हैं. हालांकि ये साफ है कि पोल्ट्री फार्मिंग करके कमाई की जा सकती है और इससे हजारों लाखों रुपये कमाए जा सकते हैं. हालांकि मुर्गी पालन में बेस्ट रिजल्ट लेने के लिए सबसे जरूरी काम पोल्ट्री फार्म बनाना होता है.
अगर आप पोल्ट्री फार्मिंग शुरू करना चाहते हैं और ये जानना चाहते हैं कि पोल्ट्री फार्मिंग में किन बातों का ध्यान रखने की जरूरत है तो यहां हम आपको आठ प्वाइंट्स बताने जा रहे हैं, जो आपकी पोल्ट्री फार्म बनाने में मदद करेगा.
पोल्ट्री फार्म बनाते समय ध्यान रखने वाली बातें
- पोल्ट्री फार्म को आप अपने घर के पास भी बना सकते हैं. जहां तक हो सके, पोल्ट्री फार्म को पूर्व-पश्चिम दिशा की ओर बनाएं. इससे आपको फायदा मिलेगा.
- यदि संभव हो तो पोल्ट्री फार्म को इकट्ठे हुए पानी, बाढ़ आदि से बचाने के लिए घर के फर्श को जमीन से करीब 1 फुट ऊंचा बनाएं. ताकि बीट आदि नीचे इकट्ठा हो जाए जिसे बाद में खाद के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
- पोल्ट्री फार्म बहुत मंहगा नहीं होना चाहिए, लेकिन पोल्ट्री फार्म की मजबूती पर ध्यान देना चाहिए. वहीं मुर्गियों के आराम और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना चाहिए.
- पोल्ट्री फार्म में लकड़ी, बांस या मिट्टी का फर्श समतल करके बनाया जा सकता है.
- पोल्ट्री फार्म का फर्श ऐसा होना चाहिए कि नमी तथा दरार पड़ने से बचा रहे, आसानी से साफ किया जा सके, मजबूत हो तथा चूहों आदि न घुस सकें.
- जहां ज्यादा बारिश होती है. वहां पोल्ट्री फार्म की छत ऐसी होनी चाहिए कि बारिश का पानी बहकर निकल जाए. छत दीवार से लगभग 3 फीट बाहर तक निकली होनी चाहिए.
- गांवों में आसानी से उपलब्ध पैरा का इस्तेमाल छत बनाने के लिए किया जा सकता है. पैरा से ढंकी छत में से पानी चूने की गंजाइश नहीं रहती. मुर्गी-घर के आसपास पेड़ लगाएं ताकि पेड़ों की छाया उस पर पड़ती रहे.
- दीवारों का लगभग 75 प्रतिशत हिस्से को बांस की जाली बनाकर ढकें. जालीदार दीवार में मोटा बोरा का पर्दा लगाएं जिसे सामान्यतः गोल घुमाकर ऊपर बांध कर रखें. जरूरत पड़ने पर बारिश या तेज धूप पड़ने पर उसे खोल कर नीचे लटका दें ताकि मुर्गियां पानी तथा गर्मी से बची रहें. इन बोरों को ज्यादा गर्मी के दिनों में पानी डालकर ठंडा रखें.
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