नई दिल्ली. इस बात को पढ़कर और जानकर आपको हैरानी हो सकती है कि गधी का दूध में गाय, भैंस बकरी के दूध की अपेक्षा ज्यादा गुण होते हैं. ये मुंह मांगे दम पर बिकता है और इसका इस्तेमाल कॉस्मेटिक और दवाई बनाने में किया जाता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि गधी के दूध कई गुणों से भरपूर होता है और गाय भैंस बकरी के दूध का दूध इसका मुकाबला नहीं कर सकता है. खासतौर पर हलारी गधी की बात की जाए तो इनका दूध मुंह मांगे दाम पर बिक जाता है. इस नस्ल के गधी इतनी खास है कि इनका दूध तलाशना बहुत मुश्किल होता है.
खाने-पीने में इस्तेमाल करने की मांग
अश्व अनुसंधान केंद्र हरियाणा ने गधी के दूध को खाने-पीने में इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी है. इसके लिए संस्थान ने भारतीय खाद्य संरक्षण एवं मानक प्राधिकरण को एक पत्र भी लिखा है. संस्थान का कहना है कि दूध का इस्तेमाल होने से गधों का महत्व बढ़ जाएगा और उन्हें बचाया भी जा सकेगा. वहीं कुछ खास मौके पर खुद पूर्व केंद्रीय मंत्री और पशु प्रेमिका गांधी गधी के दूध की तारीफ कर चुकी हैं. उनका कहना है कि वह कॉस्मेटिक में गधी के दूध का इस्तेमाल करती हैं लेकिन देश में गधों की संख्या बड़ी तेजी के साथ काम होती जा रही है.
कितना दूध देती है गधी
एक्सपर्ट कहते हैं कि सभी गधी का दूध महंगा बिकता है और दवाइयां के साथ.साथ कॉस्मेटिक आइटम्स बनाने में काम आता है. हालांकि हलारी गधी का दूध सबसे ज्यादा महंगा बिकता है. वैसे तो इसके 1500 से 2000 रुपये प्रति लीटर तक बिकने की चर्चा है लेकिन सही मायने में दूध की कीमत उसकी उपलब्धता के आधार पर भी तय होती है. एक दिन में अच्छी हेल्थ की हलारी गधी 800 ग्राम से लेकर 1 लीटर तक दूध दे देती है. जानकार कहते हैं कि हलारी गधी के दूध के रेट तय करने से ज्यादा मुश्किल काम जरूरत के वक्त में हलारी का पालन करने वाले मालधारी समुदाय को तलाश करना होता है. अगर सरकारी आंकड़ों पर गौर किया जाए तो देश में हलारी गधों की संख्या सिर्फ 440 बची है.
वसा बहुत कम होती है
अश्व अनुसंधान केंद्र के निदेशक तक भट्टाचार्य कहते हैं कि बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जिन्हें गाय भैंस के दूध से एलर्जी होती है. दूध में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जिसे पीने वाले को कुछ अलग.अलग तरह की परेशानी हो जाती है. हालांकि गधी का दूध गाय भैंस के दूध से बहुत बेहतर है. इतना ही नहीं छोटे बच्चों के लिए तो यह मां के दूध की जैसा है. गधी के दूध में वसा की मात्रा कम होती है. इसमें वसा की मात्रा सिर्फ एक ही फीसदी होती है. जबकि गाय, भैंस और मां के दूध में वसा की मात्रा 3 से 6 फीसदी होती है. अगर दूध के उत्पादन की बात करें तो दिन भर में एक यदि अधिकतम डेढ़ लीटर दूध दे सकती है.
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