Home पोल्ट्री Poultry: कभी भी न करें ये दो गलतियां, नहीं तो पोल्ट्री फार्म में खतरनाक बीमारी की हो जाएगी एंट्री
पोल्ट्रीमीट

Poultry: कभी भी न करें ये दो गलतियां, नहीं तो पोल्ट्री फार्म में खतरनाक बीमारी की हो जाएगी एंट्री

यह व्यस्क मुर्गियों में हरे-पीले रंग के दस्तों की छूतदार बीमारी है. यह पुलोरम से मिलती-जुलती बीमारी है.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. अगर आप पोल्ट्री फार्मिंग कर रहे हैं तो यह जानकारी तो जरूर होगी कि ब्रॉयलर मुर्गों को कई तरह की बीमारियों का खतरा फार्म के अंदर रहता है. इसी में से एक ई-कोलाई संक्रमण है जो मुर्गों में ज्यादा हो जाता है. इससे उनमें मृत्युदर दिखाई देती है. इससे फार्म में मुर्गों की मौत होने लगती है. जिसके नतीजे में पोल्ट्री फार्मर्स को नुकसान उठाना पड़ जाता है. इसलिए ई-कोलाई संक्रमण से बचने के लिए तमाम जरूरी उपाय करने चाहिए. ताकि पोल्ट्री फार्मिंग में होने वाले नुकसान से आप खुद को बचा सकें.

ई-कोलाई संक्रमण के लक्षणों की बात की जाए तो पंखों में उबकाई, पंख उखड़ना, अवसाद, भूख में कमी, खांसी, सांस लेने में कठिनाई, पीले रंग की बूंदे और दस्त आदि प्रमुख रूप से इसमें दिखाई देते हैं. अगर आपको भी इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत समझ जाएं कि पोल्ट्री फार्म में ई-कोलाई संक्रमण की एंट्री हो गई है, जो आपके कारोबार को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

बायो सिक्योरिटी का रखें ख्याल
पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि हमेशा ही बीमारी का इलाज करने से बेहतर यह होता है कि उसे रोका जाए. ताकि इलाज पर खर्च न करना पड़े. अब बात की जाए ई-कोलाई डिजीज की तो आमतौर पर 20 दिन के बाद दिखाई देती है. इसका सबसे पहला कारण बायो सिक्योरिटी होती है. कोई भी व्यक्ति अगर आपके फॉर्म में किसी और फॉर्म से आ रहा है या बाहर से आ रहा है तो उसको डायरेक्ट फॉर्म में एंट्री नहीं देनी चाहिए. अगर कोई डॉक्टर भी चेकअप करने के लिए या विजिट करने के लिए आ रहा है तो उसकी एंट्री डायरेक्ट न करें. पहले चूने का छिड़काव करें और विजिटर को उसी पर से गुजारे हैं. इससे उसके शूज और चप्पल चूने से होकर जाएंगे तो सारे बैक्टीरिया वहीं चूने में खत्म हो जाएंगे.

इस वजह से भी होती है ये बीमारी
आपको बता दें कि ई-कोलाई डिसीज होने का दूसरा कारण भी है. ये बीमारी मुर्गों को दिए जाने वाले गंदे पानी की वजह से भी होती है. दरअसल, अक्सर पोल्ट्री फार्मर्स ड्रिंकर्स को हर दिन साफ नहीं करते हैं. इससे दिक्कत आती है. क्योंकि ड्रिंकर के अंदर नीचे का लीटर चला जाता है और मुर्गों की चोंस से दाना भी गिर जाता है. इससे जब उसमें दोबारा पानी डाला जाता है तो यह पानी प्रदूषित हो जाता है. वहीं मुर्गे जब पानी को पीते हैं तो इससे ई-कोलाई डिसीज होने का खतरा उन्हें हो जाता है. ई-कोलाई डिजीज के कारण किडनी फेलियर का खतरा रहता है और इससे पक्षियों में मृत्युदर भी दिखाई देती है.

Written by
Livestock Animal News Team

Livestock Animal News is India’s premier livestock awareness portal dedicated to reliable and timely information.Every news article is thoroughly verified and curated by highly experienced authors and industry experts.

Related Articles

livestookanimalnews-poultry-cii-egg-
पोल्ट्री

Poultry Farming: किचन वेस्ट के साथ मुर्गियों को खिलाएं प्रोटीन से भरपूर ये फीड, पढ़ें इसके फायदे

नई दिल्ली. मुर्गी पालन में खासतौर पर बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग में फीड...

poultry farming, poultry feed, marigold, poultry
पोल्ट्री

Poultry Farming: पोल्ट्री फार्मिंग में फीड की लागत करने के लिए क्या खिलाएं, जानें यहां

नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग में सबसे ज्यादा खर्च मुर्गियों के फीड पर...

livestock animal news
मीट

Goat Farming: बकरों को गेहूं, मक्का और चना खिलाने के क्या हैं फायदे, जानें कितना खिलाना है

नई दिल्ली. मीट उत्पादन के लिए जिन बकरों को पाला जाता है,...

poultry farming
पोल्ट्री

Poultry Farming: मुर्गियों को ठंड से बचाने का क्या है उपाय, जानें यहां

नई दिल्ली. ठंड के अंदर मुर्गियों की संख्या और उनकी हैल्थ पर...