नई दिल्ली. मछली पालन में कुछ बातों का ध्यान दिया जाए तो फिर प्रोडक्शन कई गुना ज्यादा बढ़ सकता है. मछली पालक मछली को पालते ही इसलिए हैं कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हासिल हो सके लेकिन ये तभी संभव होगा जब ज्यादा प्रोडक्शन मिलेगा. इसलिए जरूरी है कि हमेशा ही इस बात पर ध्यान दिया जाए कि कैसे प्रोडक्शन ज्यादा से ज्यादा हासिल किया जा सके. एक्सपर्ट का कहना हे कि मिश्रित मछली पालन द्वारा कार्प मछलियों का पालन करने से तालाब के सभी सतह का सही इस्तेमाल होता है. क्योंकि कार्प मछलियों के तालाब में रहने के स्थान, भोजन का स्वभाव अलग-अलग होने की वजह से तालाब में मछलियों में जगह, भोजन, ऑक्सीजन को लेकर प्रतियोगिता नहीं होती है.
एक्सपर्ट कहते हैं कि यही वजह है कि तालाब में मछलियों का उत्पादन ज्यादा होता है. जिससे मछली पालकों को ज्यादा फायदा होता है. कार्प मछली के पालन के लिए मछली पालक स्पॉन को नजदीकी हैचरी से हासिल कर सकते हैं.
बीमारी के धब्बे को करें चेक
स्पॉन खरीदने से दो दिन पहले ये पता कर लें कि हैचरी में उपयोग में लाई जाने वाली मछलियों की उम्र 3-5 साल की हों. एक मादा मछली को एक साल में 2 बार से अधिक प्रजनन नहीं कराया गया हो. कार्प की तमाम मछलियों की ब्रीडिंग अलग-अलग कराई गई हो. स्पॉन खरीदने के लिए स्पॉन को एक कटोरे में लेकर उसे 5-7 मिनट तक देखें कि सारे स्पॉन गतिशील है या नहीं. उसमें कोई बीमारी के धब्बे है या नहीं, अगर ऐसा है तो उस स्पॉन को ना खरीदें.
30 से 50 लाख प्रति हेक्टेयर करें संचयन
कार्य के स्पॉन का परिवहन हाई डेन्सिटी पॉलिथीन बैग (HDPE) जिसमें एक तिहाई पानी तथा दो तिहाई ऑक्सीजन भर कर किया जाता है. आमतौर पर नर्सरी में कार्प के स्पॉन की रियरींग एक साथ ही किया जाता है. जिसका सरवाइवल परसेंटेज नर्सरी तालाब के प्रबंधन पर निर्भर करता है. आमतौर पर मिट्टी के तालाब में स्पॉन 30 से 50 लाख प्रति हेक्टेयर के दर से संचयन किया जाता है. यह स्पॉन 20-25 दिनों में फ्राई आकार की हो जाती है. मिट्टी के तालाब में उत्तरजीविता 40-50 प्रतिशत है. सरवाइवल को उत्तम प्रबंधन के साथ बढ़ाया जा सकता है.
तालाब की उर्वरता बढ़ाएं
कार्प मछलियां प्लैंकटन को बड़े चाव से खाती हैं. प्रमुख रूप से जू प्लैंकटन उन्हें बहुत ही पसंद है. तालाब में पर्याप्त मात्रा में मछलियों के लिए प्राकृतिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तालाब की उत्पादकत बढ़ाना बहुत ही आवश्यक है. तालाब में उर्वरक को डाला जाना चाहिए ताकि उर्वरकता बढ़ जाए.
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