नई दिल्ली. पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई कोशिश करती रहती है. इसी कड़ी में डीएएचडी और आईसीआर मिलकर तीन प्वाइंट पर काम करने की योजना बना रहा है. पशुपालन को बढ़ावा देने के मकसद से आयोजित की गई बैठक में पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) की सचिव अलका उपाध्याय ने कहा कि पशु उत्पादकता में सुधार, चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने और टीकाकरण कवरेज बढ़ाने के लिए ओवरआल और मिलकर प्रयास करने की जरूरत है. डॉ. हिमांशु पाठक ने डीएएचडी और आईसीएआर के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया.
बता दें कि बैठक का मकसद नए रिसर्च, प्रभावी नीतियों और व्यापक कार्य योजनाओं के माध्यम से भारत में पशुधन क्षेत्र को आगे बढ़ाना है. बैठक की अध्यक्षता अलका उपाध्याय और कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (डीएआरई) की सचिव और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने किया. अलका उपाध्याय ने कहा कि पशु उत्पादकता में सुधार, चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने और टीकाकरण कवरेज बढ़ाना बेहद ही जरूरी है. उन्होंने जोर दिया कि इन उद्देश्यों को हासिल करने के लिए और पशुधन क्षेत्र पर बीमारियों के प्रभाव को कम करने के लिए डीएएचडी और आईसीएआर के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है. उन्होंने डीकार्बोनाइजेशन प्रयासों के हिस्से के रूप में पशुधन के एंटरिक किण्वन से मीथेन उत्सर्जन को रोकने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला.
बीमारियों पर रोक लगाना जरूरी
डॉ. हिमांशु पाठक ने संदर्भ निर्धारित करते हुए डीएएचडी और आईसीएआर के बीच सहयोग के महत्व पर बल दिया. यह बैठक पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में प्रमुख मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक समन्वित और व्यापक दृष्टिकोण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. बैठक में कई प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया. उत्पादकता और लचीलापन बढ़ाने के लिए पशुधन की आनुवंशिक क्षमता को बढ़ाने की पहल की जरूरत है. पशुधन की हैल्थ और प्रोडक्शन के लिए आवश्यक उच्च गुणवत्ता वाले चारे की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने की रणनीतियां पशुधन पर बीमारियों के प्रभाव को कम करने के लिए उभरती बीमारियों के लिए नई पीढ़ी के टीकों सहित प्रभावी टीकों के विकास की जरूरत है.
ऐसे बढ़ेगा पशुधन क्षेत्र
कहा कि पशुधन क्षेत्र द्वारा फेस की जाने वाली बीमारियों और अन्य चुनौतियों के आर्थिक असर पर शोध नीति और हस्तक्षेप रणनीतियों को सूचित करने के लिए रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) की निगरानी और मुकाबला करने के लिए निगरानी प्रणालियों को मजबूत करना बेहद ही जरूरी है. बैठक डीएएचडी और आईसीएआर के बीच सहयोग को और मजबूत करने की कमिटमेंट के साथ खत्म हुई. साझा लक्ष्य, नए रिसर्च, प्रभावी नीतियों और व्यापक कार्य योजनाओं के माध्यम से भारत में पशुधन क्षेत्र को आगे बढ़ाना है.
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