नई दिल्ली. डेयरी फार्मिंग में पशुओं का दूध उत्पादन पीक पर लाना बेहद ही जरूरी काम होता है. अगर पीक पर पशु नहीं आता तो इसका मतलब है कि आपको नुकसान होने लगेगा. पशु के पीक पर न आने पर आपको कुछ तरीकों को अपनाना चाहिए, जिससे पशु दूध उत्पादन पीक पर करने लगेगा. यानी पशु अपनी क्षमता के मुताबिक दूध का उत्पादन नहीं करेगा. अगर आप भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं और आपका पशु अपनी क्षमता के मुताबिक उत्पादन नहीं कर रहा है तो यहां हम आपको ऐसा तरीका बताने जा रहे हैं, जिससे पशु पीक पर आकर दूध उत्पादन करने लगेगा.
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि जब पशु की डिलीवरी हो जाए तो उसके 20 दिनों के बाद उसकी डीवार्मिंग करना चाहिए. यानी कीड़े मारने की दवाएं देनी चाहिए. पशुओं के पेट में अक्सर कीड़े होते हैं, जिन्हें खत्म करना बेहद जरूरी होता है. नहीं तो इससे दूध उत्पादन कम हो जाता है. जबकि पशु जो कुछ भी खाता पीता है वो भी उसके शरीर में सही से नहीं लगता है. इसलिए कीड़े मारने की दवा देना जरूरी होता है.
क्या-क्या खिलाना है, जानें यहां
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि पशु को दो तिहाई हरा और एक तिहाई सूखा चारा खिलाना चाहिए. इससे पशु को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है. उसकी तमाम जरूरत पूरी हो जाती है.
पशु को 400 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से दाना मिश्रण खिलाना चाहिए. अगर आपका पशु 10 लीटर दूध दे रहा है तो आपको पशु को चार किलो दाना मिश्रण हर रोज देना है.
इसमें आप बाजरा, मक्का और गेहूं को शामिल कर सकते हैं. इन सब चीजों को 30 किलो की मात्रा में देना चाहिए. वहीं मेथी 5 किलो और सोयाबीन 5 किलो दें.
पशु को 20 किलो चूरी, 20 किलो चोकर भी दिया जाना चाहिए. जबकि 150 मिली लीटर कैल्शियम जरूर देना चाहिए. पशु को 70 से 100 ग्राम मिनरल मिक्सर भी हर दिन देना चाहिए.
डिलीवरी के बाद अगर यह सब काम कर लिया तो आपका पशु दूध उत्पादन ज्यादा करने लगेगा और कुछ ही दिनों में वह दूध उत्पादन के पीक पर आ जाएगा. यानी अपनी क्षमता के मुताबिक दूध उत्पादन करने लगेगा.
अगर पशु दूध उत्पादन कम करता है तो इससे अपको नुकसान होता है. जबकि ज्यादा दूध उत्पादन करता है तो उसे पशुपालकों को फायदा होता है, तो आप भी इस तरीके को आजमा सकते हैं. जिससे आपको फायदा मिलेगा.
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