Home सरकारी स्की‍म BPL कार्ड वाले पशुपालकों को गायों के लिए मिलता है 50 फीसदी की छूट पर चारा, पढ़ें डिटेल
सरकारी स्की‍म

BPL कार्ड वाले पशुपालकों को गायों के लिए मिलता है 50 फीसदी की छूट पर चारा, पढ़ें डिटेल

पशु एक्सपर्ट कहते हैं कि खीस पिलाने के बाद दूसरा नंबर आता है बछिया को उचित पोषण देने का. इसके लिए आहार के साथ ही साफ पानी भी उचित मात्रा में देना चाहिए.
प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. सरकार की मंशा है कि देश में पशुपालन को बढ़ावा दिया जाए. ताकि किसानों की इनकम में इजाफा हो सके. केंद्र सरकार से लेकर लगभग हर राज्य की प्रदेश सरकार तक किसानों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती हैं जिससे किसानों को इसका फायदा हो सके. हिमाचल प्रदेश में सरकार बीपीएल कार्ड धारक पशुपालकों को गर्भवती देसी स्वदेशी गाय के लिए राशन योजना चलाती है. सरकार का मानना है कि कम भूमि के कारण राज्य के बीपीएल परिवार के लोग गर्भवती पशुओं को पौष्टिक व संतुलित आहार नहीं दे पाते हैं. इस वजह से मां और बछड़े का सही से विकास नहीं होता और कम वजन वाले बच्चे पैदा होते हैं. इसको देखते हुए इस योजना की शुरुआत की गई है ताकि संतुलित राशन की कमी की वजह से बछड़े कमजोर पैदा ना हों.

बता दें कि सरकार इस योजना के तहत गर्भवती गायों को पशु आहार पर अंतिम 3 महीने के लिए 50 फीसदी की सब्सिडी देती है. राज्य के पशुपालन विभाग की मानें तो राज्य में हर साल 6.5 लाख से ज्यादा गाय और भैंस गर्भवती होती हैं. वह लगभग गर्भावस्था के छठे से सातवें महीने के दूध काल में रहती हैं. उसके बाद 3 महीने अवधि शुष्ककाल की रहती है.

क्या है योजना का उद्देश्य
इस योजना के उद्देश्य की बात की जाए तो दूध उत्पादन में वृद्धि करके किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाना है. वहीं दो ब्यात के मध्य की अवधि को कम करने के लिए अधिक संख्या में बछड़े और दूध उत्पादन को बढ़ावा देना है. गर्भवती गायों के स्वास्थ्य में सुधार करना है ताकि उनकी क्षमता के अनुसार पशुओं के बाद दूध उत्पादन हो सके बीमारियों को पोषण से मुक्त स्वस्थ बच्चों का जन्म सुनिश्चित किया जा सके. जिससे वो बड़े होकर अधिक उत्पादन करने वाले पशु बन सकें. देसी स्वदेशी गायों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है जिसकी मदद से किसानों को पशुओं को पालने के लिए प्रेरित किया जा सके.

योजना से क्या है पशुपालकों का फायदा
आपको बता दें कि योजना के तहत बीपीएल वर्ग के परिवार कि पशुपालकों को गाय की गर्भावस्था के अंतिम 3 महीनों के दरमियान संतुलित आहार दिया जाता है. तीन किलो संतुलित आहार प्रतिदिन पर 50 फीसदी सब्सिडी पर दिया जाता है. पशुपालन विभाग हिमाचल प्रदेश के मुताबिक गर्भावस्था के अंतिम 3 महीने के दौरान संतुलित राशन खिलाने के बाद दूध उत्पादन में 2 लीटर की प्रतिदिन की वृद्धि होती है. इसके मुताबिक 300 दिनों के दुग्धकाल के दौरान पशुपालक यदि दूध को प्रति 30 रुपये लीटर पर बेचता है तो 18 हजार रुपये तक का फायदा होगा.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

सीता नगर के पास 515 एकड़ जमीन में यह बड़ी गौशाला बनाई जा रही है. यहां बीस हजार गायों को रखने की व्यवस्था होगी. निराश्रित गोवंश की समस्या सभी जिलों में है इसको दूर करने के प्रयास किया जा रहे हैं.
सरकारी स्की‍म

Animal Husbandry: पशुओं के लिए मिलेगा मुफ्त चारा, यहां पढ़ें क्या है इसकी प्रक्रिया

समय-समय पर पशु चारा वितरण कराने का कार्य जिला प्रशासन के सहयोग...